केंद्र सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए चार राज्यों में ड्राई रन शुरू किया है। इसमें सोमवार से पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो-दो जिलों में कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए मशीनरी की जमीनी तैयारी को परखा जा रहा है। ताकि वास्तविक वैक्सीनेशन से पहले जरूरी कमियों का पता लगाया जा सके और उन्हें समय रहते दुरूस्त किया जाए। वैसे, केंद्र की प्रस्तावित योजना के अनुसार वास्तविक वैक्सीनेशन जनवरी में शुरू हो सकता है।
ड्राई रन क्या है?
अब तक सरकार सिर्फ बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ही वैक्सीनेट करती रही है। इसके लिए भी अलग-अलग राज्यों में हफ्ते का एक दिन तय होता है। यह पहला मौका है जब देश में वयस्क आबादी को भी वैक्सीनेट किया जाएगा। इस वजह से कोविड-19 वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए सरकारी मशीनरी की तैयारी देखने केंद्र सरकार ने 28 और 29 दिसंबर को ड्राई रन रखा है। यह पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो-दो जिलों में हो रहा है। ड्राई रन में राज्यों में कोल्ड चेन से वैक्सीनेशन साइट्स तक वैक्सीन लाने-ले जाने की प्रक्रिया परखी जा रही है। इसी तरह वैक्सीनेशन साइट्स पर किस तरह की दिक्कतें आ सकती है, यह भी पता लगाने की कोशिश होगी। इस ड्राई रन में कोविन (Co-WIN) पर जरूरी डेटा एंट्री होगी। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन डिलीवरी, टेस्टिंग की रिसीप्ट और आवंटन, टीम मेंबर्स की नियुक्ति, वैक्सीनेशन साइट्स पर मॉक ड्रिल की निगरानी होगी। कोविड-19 वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन अरेंजमेंट्स की रियल-टाइम ट्रैकिंग इसमें शामिल है। वैक्सीनेशन साइट्स पर भीड़ के प्रबंधन के साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग को भी देखा जा रहा है।
यह ड्राई रन कैसे आयोजित हो रहे हैं?
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ड्राई रन के लिए डिटेल्ड चेकलिस्ट तैयार की है। ड्राई रन में शामिल चारों राज्यों के साथ उसे शेयर किया गया है ताकि उन्हें गाइडेंस मिल सके। चुनिंदा लोकेशंस पर पांच सेशंस में ड्राई रन होगा। इसमें प्रत्येक साइट पर प्रत्येक सेशन में 25 हेल्थकेयर वर्कर्स को शामिल किया गया है। हर राज्य में दो जिले चुने गए हैं। हर साइट पर पांच-सेशन में वैक्सीनेशन होगा। इसके लिए जिला अस्पताल, सीएचसी/पीएचसी, शहरी स्थान, प्राइवेट हेल्थ सेंटर, ग्रामीण क्षेत्रों में यह साइट्स तय की गई हैं। ड्राई रन के दौरान वैक्सीनेशन में शामिल बेनेफिशियरी पहले से तय हैं। इनके लिए कोविन ऐप पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है। इसके बाद भी उनसे फोटो आईडी उपलब्ध कराने को कहा गया है। ड्राई रन के बाद अधिकारी स्टेट टास्क फोर्स (STF) को एक रिपोर्ट सौपेंगे। STF फीडबैक लेने के बाद संबंधित अधिकारियों के लिए गाइडलाइन बनाएगा। यह रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी भेजी जाएगी।
अब तक सरकार ने कितने लोगों को ट्रेनिंग दी है?
सरकार ने वैक्सीन लगाने वालों को पहले ही ट्रेनिंग दे दी है। अलग-अलग कैटेगरी के वैक्सीन हैंडलर्स और एडमिनिस्ट्रेटर्स के लिए विस्तार से ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाए हैं। इनमें मेडिकल ऑफिसर, वैक्सीनेटर, अल्टरनेट वैक्सीनेटर, कोल्ड चेन हैंडलर्स, सुपरवाइजर्स, डेटा मैनेजर्स, आशा कोऑर्डिनेटर्स और अन्य शामिल है। राष्ट्रीय स्तर पर 2,360 लोगों को ट्रेनिंग दी गई है। इसमें राज्य के टीकाकरण अधिकारी, कोल्ड चेन अधिकारी, आईईसी अधिकारी और डेवलपमेंट पार्टनर शामिल हैं। आज तक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राज्य स्तर की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इसमें 7,000 जिला स्तर के ट्रेनी शामिल हुए हैं। लक्षद्वीप में यह ट्रेनिंग 29 दिसंबर को होगी। इसके बाद 681 जिलों में (49,604 ट्रेनी) मेडिकल ऑफिसर्स को ऑपरेशन गाइडलाइंस के आधार पर ट्रेनिंग दी जा चुकी है। वैक्सीनेशन टीम ट्रेनिंग 17,831 ब्लॉक्स/प्लानिंग यूनिट्स में से 1,399 में ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। क्या इस दौरान कोल्ड चेन की भी परीक्षा होगी? वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए उसे निर्धारित तापमान में स्टोर करना होगा। देशभर में इस समय 28,947 कोल्ड चेन पॉइंट्स पर वैक्सीन स्टोरेज के 85,634 इक्विपमेंट शामिल हैं। इससे ही कोल्ड चेन सिस्टम बनेगा। मौजूदा टीकाकरण प्रोग्राम में शामिल कोल्ड चेन सिस्टम में ही कोविड-19 वैक्सीन स्टोर होगी। ताकि पहले तीन करोड़ लोगों के प्रायरिटी ग्रुप्स को वैक्सीनेट किया जा सके। इनमें हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। पर भारतीयों को वैक्सीन कब मिलेगी? यह ड्राई रन बिना कोविड-19 वैक्सीन के हो रहा है। इसे वैक्सीनेशन से पहले की पूर्व-तैयारी समझा जाना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने पिछले हफ्ते कहा था कि जनवरी 2021 के किसी भी हफ्ते से वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। सरकार ने पहले ही अपना प्लान घोषित कर दिया है कि सबसे पहले किसे वैक्सीन लगाई जाएगी।