महिला सुरक्षा और बच्चों की बहबूदी के लिए है कृत संकल्पित है बोर्ड- डॉ. अर्चना

उदयपुर।  राजस्थान राज्य समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा रविवार को जिले के दौरे पर रही। इस दौरान उन्होंने सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों को संबोधित किया और कहा कि वर्ष 2017 में नीति आयोग की सिफारिश पर केन्द्र सरकार द्वारा समाज कल्याण बोर्ड को भंग कर दिया था परंतु मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता के कारण राजस्थान में इस बोर्ड का पुनर्गठन किया गया और अब यह बोर्ड राज्य में महिला सुरक्षा और बहबूदी के लिए कृत संकल्पित है। 


सबसे पुराना बोर्ड, पं. नेहरू ने किया था गठन :
अध्यक्ष डॉ. शर्मा ने बताया कि समाज कल्याण बोर्ड सबसे पुराना बोर्ड है, जिसका गठन 1956 में पं. नेहरू ने किया था। उस वक्त इंदिरा गांधी वाइस प्रेसिडेंट थी। अन्य सभी बोर्ड इसके बाद अस्तित्व में आए हैं।  मुख्यमंत्री ने अब इस बोर्ड को पुनर्जन्म दिया है तो इसके माध्यम से सरकार के लक्षित वर्ग को पॉलिसियों का लाभ दिया जाएगा। 
अब तक 15 जिलों का दौरा किया :

इस मौके पर उन्होंने मीडियाकर्मियों को बोर्ड की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और कहा कि 12 सदस्यों वाले इस बोर्ड के माध्यम से राज्य सरकार की लोक हितकारी योजनाओं को जनता तक ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बोर्ड अध्यक्ष के नाते उन्होंने अब तक 15 जिलों का दौरा किया है और आमजन के साथ अधिकारियों से संवाद करते हुए हर पात्र व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। 

नीचे वीडियो देखें….


बोर्ड व एनजीओ की बैठकें होंगी :
डॉ. शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बोर्ड गठन की मंशाओं को सार्थक करने व आमजन को लाभांवित करने के उद्देश्य से उदयपुर में जल्द ही बोर्ड तथा समाज कल्याण से जुड़े एनजीओ की बैठक आयोजित करने की योजना है। उन्होंने बताया कि उदयपुर सुंदरतम व विश्व भर में प्रसिद्ध है और यहां सरकार की समस्त योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिल रहा है, इसलिए जी-20 की बैठक के लिए इसे चुना गया है। 
स्वस्थ राजस्थान को मूर्त रूप दे रही चिरंजीवी योजना :
डॉ. शर्मा ने मुख्यमंत्री द्वारा जनहित में लागू की गई राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की तारीफ की और कहा कि निःशुल्क दवा और चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना देश-दुनिया में बनी मॉडल बन चुकी है। यह स्वस्थ राजस्थान को मूर्त रूप प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि चिरंजीवी योजना के अन्तर्गत लोगों को अपने परिवार के लिए 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। साथ ही 5 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। उन्होंने शहरी रोजगार गारंटी योजना को भी लोगों के लिए हितकारी बताया और दोनों योजनाओं को विश्व भर में अनूठी बताया। उन्होंने महिला एवं बाल सशक्तिकरण के लिए लागू की गई योजनाओं का सकारात्मक परिणाम आने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार की मुस्तैदी, प्रशासन की कर्तव्यपरायणता और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से इस बार अबूझ सावों पर एक भी बाल विवाह न हुआ।

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