उदयपुर। कोरोना संक्रमण के निरंगत बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने रात्रिकालीन कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी है। जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने बुधवार से शहर में रात्रि 8 बजे से दुकानें व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद करने तथा रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू का आदेश जारी किया है।


जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने मंगलवार को जिले में कोरोना की स्थिति पर समीक्षा व संबंधित विषयों पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है और इससे उदयपुर भी अछूता नहीं है। उदयपुर जिले में 31 मार्च से लेकर मंगलवार तक लगातार कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा प्रतिदिन 100 से अधिक रहा है। 5 अप्रेल को 198 संक्रमित आए, जबकि अगले ही दिन 6 अप्रेल को 367 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। यह आंकडे़ कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति को दर्शाते हैं। बीते सात दिनों में करीब 1200 केस उदयपुर में आए है।
सख्ती बरती है, और भी बरतेंगे:
कलक्टर ने कहा कि टीम उदयपुर कोविड-19 पर नियंत्रण पाने के लिए सतत प्रयासरत है। वहीं सख्ती की पालना करते हुए निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसा कार्यवाही करते हुए 7 प्रतिष्ठान सीज कर दिये गये है। मास्क नहीं पहनने पर 139 लोगों के चालान बनाए गये हैं और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने पर 2 हजार 239 लोगों के नियमानुसार चालान काटे गये है। कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करवाने हेतु नियुक्त अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग के साथ कार्यवाही कर रहे है। प्रशासन के द्वारा जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद आमजन द्वारा कोविड प्रोटोकॉल की पालना नहीं करने की वजह से रात्रि कालीन कर्फ्यू की अवधि बढ़ाई जा रही है।
प्रशासन की पूर्ण तैयारी:
कलक्टर देवड़ा ने कोविड के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य जरूरी सेवाओं की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए है। कलक्टर ने बताया कि वर्तमान में पूरे जिले में 12 हॉस्पीटल में 6 हजार 981 बेड है जिनमें 487 कोविड संक्रमितों का इलाज जारी है। आवश्यकता पड़ने पर हॉस्पीटल की संख्या बढ़ाएंगे।
जनभागीदारी है जरूरी:
कलक्टर ने कोविड संक्रमण के नियंत्रण में प्रशासन के साथ समाज की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करने के लिए जनजागरूकता अभियान में विभिन्न सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संगठन, संस्थाएं, विभिन्न धर्मगुरुओं आदि का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आमजन को प्रशासन का सहयोग करना होगा। सामूहिक भागीदारी से ही हम कोरोना पर विजय पा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर आदमी का हाथ पकड़कर कोरोना प्रोटोकॉल की पालना नहीं करवाई जा सकती, इसके लिए जनता को जागरूक और सतर्क रहना होगा।
ये रहेंगे मुक्त:
वहीं पुलिस, जिला प्रशासन, सरकारी अधिकारी चिकित्सा एवं अन्य चिकित्सा, पैरा मेडिकल स्टाफ, रेल व बस सेवा अन्य आपातकालीन स्थिति के लिये, आईटी और आईटीईएस कम्पनियों का स्टाफ, दवा की दुकानों के मालिक और स्टाफ, निरंतर उत्पादन के प्रकृति की फैक्ट्रियां, रात की पारी वाली फैक्ट्रियां व अन्य आपात व आवश्यक सेवाओं के स्टाफ आदि पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

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