उदयपुर। प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ की ओर से मनाए जा रहे महाराणा प्रताप जयन्ती समारोह के अन्तर्गत ऑनलाइन काव्य सरिता एवं प्रेरक प्रसंग प्रतियोगिता की अंतिम फेसबुक पेज एवं यूट्यूब पर प्रतियोगिता हुई।
प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि काव्य सरिता का ऑनलाइन आयोजन वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के उपाध्यक्ष मदन मोहन टांक के स्वागत उद्बोधन के साथ हुआ।
काव्य सरिता मे कोटा के कवि संजय शुक्ला ने महाराणा प्रताप को एवं चितौड की भूमि को नमन करते हुए रचना प्रस्तुत की कि भारत भूमि वो भूमि है जिसकी बलिदानी थाती है, एक इंच भूमि को मत देना, यह मां बेटे को सिखाती है, अरे शूर शिवा राणा मे,ये वो बलिदानी माटी है,वो चंदन से भेंट रखे वो माटी हल्दीघाटी है,कण कण मे बलिदान छुपा है जन जन मे अभिमान, कहो गर्व से सारे मिलकर जय जय राजस्थान प्रस्तुत की।आगे उन्होने आजादी की लडाई के बारे मे अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा कि बोल वो क्या समझेगा, वो जिसने सिर झुकाया नही, दर्द जाने वो भला क्या जिसने उठाया ही नही,अरे आजादी की कीमत महंगी है, सच वो क्या जाने भला,खून जिसकी चाह मे उसने बहाया ही नही।शुक्ला ने आगे कहा कि धैर्य टूटने जब भी लगता रानी फिर समझाती थी, सूर्य वंश के उस योद्धा के उस योद्धा पर अपनी कसम चढाती थी, धन्य हो गए कुंभलगढ और मेवाड की धन्य हुआ, जयवंती की कोख से राणा जैसा जन्म हुआ,मेवाड की धरती को तो राणा ने ही नाम दिया, कुंभलगढ के खातिर अपने प्राणो को कुर्बान किया।
सक्सेना ने बताया कि समारोह के अन्तर्गत ऑनलाइन प्रेरक प्रसंग प्रतियोगिता हुई जिसमे प्रतिभागीयो के प्राप्त वीडियो मे से 8 जनो का चयन करके उन्हे अंतिम अवसर दिया गया। जिनमे से 3 प्रतिभागियो का चयन किया गया।जिनके परिणाम की घोषणा 20 जून को की जाएगी।निर्णायक के रूप मे मीनाक्षी गर्ग, वीरेन्द्र पंचोली एवं दिनेश उपाध्याय थे।संचालन वैशाली व्यास ने किया।

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