उदयपुर। जी 20 शेरपा सम्मेलन के अंतिम दिन विभिन्न देशों से आए शेरपा और अन्य डेलिगेट्स ने राजस्थान के ख्यात कुंभलगढ़ दुर्ग और रणकपुर जैन मंदिर का भ्रमण किया। प्रातः उदय विलास से प्रस्थान कर कुंभलगढ़ पहुंचे।

इस दौरान जनजाति सहरिया नृत्य और अन्य नृत्यों द्वारा डेलीगेट्स का स्वागत किया गया तो विदेशी मेहमान भी खुद को थिरकने से रोक नहीं सके। विदेशी मेहमानों को इसके पश्चात दुर्ग स्थित शिव मंदिर के दर्शन करा माथे पर चंदन का तिलक भी लगाया। शेरपा ने इसके बाद कुंभलगढ़ दुर्ग का भ्रमण किया जिसमें से इस दुर्ग की सबसे ऊंची चोटी तक पैदल चलकर कर पहुंचे। सभी ने दुर्ग की बनावट और स्थापत्य कला की खूब सराहना की। विदेशी अतिथियों को बताया गया कि यह विश्व में चीन की दीवार के बाद सबसे बड़ी दीवार है तो उनके आश्चर्य का ठिकाना ना रहा।
रणकपुर जैन मंदिर की पाषाण कलाकृतियों ने किया सम्मोहित
जी 20 शेरपा अंत में रणकपुर जैन मंदिर पहुंचे। यहां पुजारी द्वारा उन्हें पूरे मंदिर का भ्रमण कराया गया एवं यहां की स्थापत्य कला और निर्माण की जानकारी दी। डेलीगेट्स ने यहां पर कई फोटो क्लिक किए और यहां के विमोहने स्थापत्य कला की सराहना की। जैन मंदिर के नक्काशी युक्त विशाल पाषाण स्तंभों और आकर्षक कलाकृतियों को देखकर विदेशी मेहमानों ने भारत के प्राचीनतम कला कौशल को विश्व भर में अद्भुत बताया। मीडिया से बात करते हुए अलग अलग शेरपा ने भारत के अपने अनुभव साझा किए और इन अनुभवों को लाजवाब बताया।
इस दौरान उदयपुर कलक्टर ताराचंद मीणा, विकास शर्मा एसपी, आईजी प्रफुल्ल कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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