उदयपुर। राष्ट्रीय अन्डर-9 गल्र्स शतरंज चेम्पियन उदयपुर की नन्हीं बालिका कियाना परिहार ने छोटी सी उम्र में शतरंज में वैश्विक स्तर पर शतरंज खिलाड़ियों को मात दे कर इस क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है। रविवार को मलेशिया के कुआलालम्पुर में सम्पन्न हुई कोमनवेल्थ शतरंज चेम्पिनशीप 2025 में गोल्ड मेडल जीत कर देश के लिये बहुत बड़ा खिताब अपने नाम किया।
कियाना ने कुआलालम्पुर में अन्डर-10 गल्र्स ब्लिट्ज़ वर्ग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए उक्त चेम्पियनशीप में खिताब हासिल किया। कुआलालम्पुर में 8-17 नवम्बर तक आयोजित इस 10 दिवसीय टुर्नामेन्ट में 30 देशों के 900 शतेंरज खिलाड़ियों ने विभिन्न आयु वर्गो की प्रतिस्प्र्धा में भाग लिया।
कियाना के पिता जितेन्द्र परिहार ने आज अशोका पैलेस के मधुश्री बेक्वेंट हाॅल में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि कियाना ने ब्लिट्ज़ खिताब के साथ ही क्लासिकल प्रारूप में कास्ंय पदक भी जीता। इससे यह साबित होता है कि कियाना खेल के हर प्रारूप में माहिर है। इस उपलब्धि के साथ ही कियाना ने अब तक 10 अन्तर्राष्ट्रीय पदक जीते। कियाना की लगन एवं निरन्तर बेहतर प्रदर्शन ने उन्हें भारत की सबसे युवा प्रतिभाशाली शतरंज खिलाड़ी में शुमार दिया।

इससे पहले कियाना ने वैश्विक स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए कजाखस्तान के अल्माटी में आयोजित हुई वल्र्ड कैडेट शतरंज चेम्पियनशीप 2025 अन्डर-10 आयु वर्ग में कास्यं पदक जीता,साथ ही ग्रीस के रोड़्स में आयोजित वल्र्ड यूथ टिल्ट्ज़ शतरंज चेम्पियनशीप में कास्यं पदक जीता। इससे वह विश्व स्तर की प्रतियोगिता में पदक जीतने वाली राजस्थान की पहली खिलाड़ी बनी।
जितेन्द्र परिहार ने बताया कि कियाना के करियर में 5 स्वर्ण,और एक रजत पदक एशियाई चेम्पियनशिप से जुड़े है। उन्होंने 2023 में यूएई के अल ऐन में एशियन यूथ शतरंज चेम्पियन का खिताब जीता। हाल ही के वर्षो में कियाना ने एशियाई और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लगताार प्रदर्शन किया।
चेस के क्षेत्र में अर्जित की गई इस सफलता के बारें में कियाना परिहार ने बताया कि वे माता-पिता,कोच हेमंत थंाकी और एमडीएस स्कूल की आभारी हूं जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया,साथ ही मैं अपने प्रायोजको नीव सोसायटी और वडंर सीमेन्ट को धन्यवाद ज्ञापित किया। कियाना ने बताया कि उनका अगला लक्ष्य विश्व शतंरज चेम्पियन बनने का सपना पूरा के करने के लिये दिन रात मेहनत कर रही हूं। कियाना की यह उपलब्धि भारतीय शंतरंज जगत में राजस्थान की पहिचान को मजबूत करती है। कियाना की मेहनत और समर्पण देश के अनेक युवा खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा स्त्रोत बन गई है।
फोटोः- कियाना परिहार






