उदयपुर सांसद-रावत कतिपय लोग युवाओं को भ्रमित कर पत्थरबाज बना रहे

उदयपुर। लोकसभा सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा कि आज जो कुछ लोग अलग राज्य की मांग को लेकर मानगढ़ धाम गए हैं, वे अंग्रेजों व चर्च के विचारों से प्रेरित हैं। ये लोग लंबे समय से क्षेत्र के युवाओं को भ्रमित कर पत्थरबाज बना रहे हैं। मानगढ़ जाकर भी भ्रामक वातावरण बना रहे हैं। वहां जाने वाले एक संगठन के लोग हैं, न की संपूर्ण जनजाति समाज के।
डॉ रावत गुरूवार को जिला परिषद सभागार में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वे लोग केवल कट्टरता व जातिवाद का जहर फैलाने के राजनैतिक उद्देश्य से वहां गए हैं। आदिवासी हिंदू नहीं है, इस तरह का भ्रम फैला रहे हैं। समाज और क्षेत्र को ऐसे तत्वों से सावधान रहना चाहिए। सामाजिक समरसता को खराब करने के लिए इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए। जनजाति समाज तो वहां गया ही नहीं। उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम तो आदिदेव महादेव और आदिशक्ति का स्थान है। जहां जनजाति समाज अपनी सनातन परंपरा के अनुसार अपने गुरु के आदेश पर पूर्णिमा के दिन घी लेकर हवन करने के लिए गया था। इस जनजाति समाज पर 1913 में अंग्रेजों ने भारी गोलाबारी कर नरसंहार किया था। आज जो लोग अलग राज्य की मांग को लेकर वहां गए हैं। वे उन्हीं नरसंहार करने वालों की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं।
जनजाति कल्याण के लिए सरकार कटिबद्ध
सांसद डॉ रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र व मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की राज्य सरकार ने स्थानीय जनजाति समाज व दक्षिणी राजस्थान के लिए लाभकारी योजनाएं दी हैं। भाजपा ने ही केंद्र में पृथक से जनजाति कल्याण मंत्रालय की स्थापना की। वहीं जनजाति आयोग की संरचना भी भाजपा सरकार के काल में ही हुई। वर्तमान में भी सरकारें जनजाति समाज के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उसकी बौखलाहट में यह तत्व वैचारिक प्रदूषण फैला रहे हैं।
डी-लिस्टिंग वर्तमान की आवश्यकता
सांसद ने कहा कि मिशनरियों के प्रभाव में जनजाति समाज शुरू से ही षड्यंत्र का शिकार हुआ है। सन 1950 में जब संविधान बना उस समय अनुसूचित जाति की परिभाषा को लेकर राष्ट्रपति की ओर से जो नोटिफिकेशन जारी हुआ था, उसमें स्पष्ट था कि जो हिंदू समाज का व्यक्ति है, वही अनुसूचित जाति का कहलाएगा। अनुसूचित जनजाति के लिए भी यही प्रावधान लागू होना था। उसमें भी हिंदू संस्कृति मानने वाले को ही आदिवासी मानते हुए जनजाति आरक्षण का लाभ मिलना था, लेकिन ईसाई मिशनरियों के प्रभाव में जनजाति समाज के साथ दोहरा मापदंड अपनाया गया। ईसाई मिशनरियों के प्रलोभन व दबाव में जनजाति के जो लोग हिन्दू परम्परा व आस्था को छोड़ ईसाई या इस्लाम धर्म अपना चुके हैं, अल्पसंख्यक समुदाय में जा चुके हैं, क्योंकि अब वे आदिवासी नहीं रहे उन्हें जनजाति आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए, लेकिन वे आज भी जनजाति आरक्षण का लाभ ले रहे हैं, जो कि असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक, अमानवीय व अनैतिक है। इस तरह के धर्मांतरित हुए पांच प्रतिशत लोग ही जनजाति वर्ग के आरक्षण के असली पात्र 95 प्रतिशत लोगों का हक छीन रहे हैं। ऐसे अपात्र लोगों को चिन्हित करने के लिए देश के 22 राज्यों में आंदोलन चला रखा है, जिसे डी-लिस्टिंग कहा जाता है। इस डी-लिस्टिंग आंदोलन का विरोध करने वाले चर्च से प्रेरित विचारधारा से जुड़े हैं। झाबुआ, झारखंड आदि राज्यों में यह लोग चिन्हित हो चुके हैं। अब यही लोग दक्षिणी राजस्थान में भी घुस पैठ कर चुके हैं। अब वे चर्च से प्रभावित स्थानीय संगठन के जरिए मानगढ़ धाम से सामाजिक एकता व समरसता को विखंडित करने के प्रयासों में जुटे हैं। राष्ट्र हित व सनातन संस्कृति को अक्षुण रखने के लिए ऐसे तत्वों से सावधान रहने की आवश्यकता है।

Related Posts

प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत बने यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड उदयपुर के चेयरमैन

उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रो. बी.पी. सारस्वत ने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट स्टडीज के अधिष्ठाता एवं वाणिज्य संकाय के चेयरमैन एवं आईक्यूएसी डायरेक्टर प्रो. शूरवीर…

आचार्य महाश्रमण ने आज उदयपुर सीमा से किया विहार

उदयपुर.तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण जी ने रात्रि विश्राम तेरापंथ सभा के अध्यक्ष कमल नाहटा के अम्बेरी स्थित प्रतिष्ठान पर किया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष आलोक पगारिया ने बताया कि सायंकालीन अर्हत् वंदना के पश्चात उदयपुर जिला कलेक्टर नमित मेहता, यु.डी.ए. आयुक्त राहुल जैन, खान निदेशक महावीर प्रसाद मीणा अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर, टी.आर.आई निदेशक ओ.पी. जैन सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने आचार्य के दर्शन कर उदयपुर प्रवास के लिये कृतज्ञता ज्ञापित की। इस अवसर पर जीतो चेयरमेन यशवन्त आंचलिया के नेतृत्व में जीतो की कार्यकारिणी का आचार्य से परिचय कराया जहां महाश्रमण जी ने जीतो के सेवा कार्यों को जैन समाज के लिये उपयोगी बताया। आज प्रातः साढ़े सात बजे आचार्य ने सुखेर से प्रस्थान किया जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु उन्हें विदा करने अलसुबह अम्बेरी पहुंचे। मार्ग में मार्बल एसोसिएशन के पदाधिकारी आचार्य की अगवानी के लिये समूह में उपस्थित थे। सुबह ढाबालोजी रेस्टोरेन्ट में आपका प्रवास रहा, मध्यान्ह में बिनोता के लिये उन्होंने विहार किया जहां नाथद्वारा व उदयपुर के श्रद्धालुओं ने आचार्य के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष कमल नाहटा व मंत्री अभिषेक पोखरना ने तीन दिवसीय प्रवास की सुखद सम्पन्नता पर सम्पूर्ण समाज का आभार प्रदर्शित किया।

You Missed

उदयपुर से दिल्ली और बैंगलुरु जाने वाली दो फ्लाइट कैंसिल, डबोक एयरपोर्ट पर हंगामा

  • December 5, 2025
  • 1 views
उदयपुर से दिल्ली और बैंगलुरु जाने वाली दो फ्लाइट कैंसिल, डबोक एयरपोर्ट पर हंगामा

कोलकाता- उदयपुर एक्सप्रेस का पटना साहिब पर अस्थायी ठहराव होगा

  • December 5, 2025
  • 2 views
कोलकाता- उदयपुर एक्सप्रेस का पटना साहिब पर अस्थायी ठहराव होगा

भागवत कथा सुनने से दुख दूर होता है : पुष्कर दास महाराज

  • December 5, 2025
  • 1 views
भागवत कथा सुनने से दुख दूर होता है : पुष्कर दास महाराज

राजस्थान से स्पाइसजेट ने दिल्ली-मुंबई रूट पर टेम्परेरी नई फ्लाइट्स का शेड्यूल

  • November 29, 2025
  • 4 views
राजस्थान से स्पाइसजेट ने दिल्ली-मुंबई रूट पर टेम्परेरी नई फ्लाइट्स का शेड्यूल

आचार्य महाश्रमण कल श्रीनाथजी नगरी नाथद्वारा में करेंगे पदार्पण, आज का प्रवास ओडन में

  • November 28, 2025
  • 7 views
आचार्य महाश्रमण कल श्रीनाथजी नगरी नाथद्वारा में करेंगे पदार्पण, आज का प्रवास ओडन में

प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत बने यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड उदयपुर के चेयरमैन

  • November 28, 2025
  • 8 views
प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत बने यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड उदयपुर के चेयरमैन