जयपुर। राजस्थान के जिलों में जब से जिलाध्यक्षों के पद खाली है तब से कांग्रेस संगठन सुस्त सा है। अब फिर से कांग्रेस में संगठन को सक्रिय करने की कवायद शुरू ही लेकिन प्रदेश स्तर पर गुटबाजी के चलते शुरू हुई बात आगे तक नहीं बढ़ती है। प्रदेश में जिलों में जब भी केन्द्र सरकार या भाजपा के विरोध में कोई आयोजन होता है तो कांग्रेस भाजपा के आंदोलन से कमजोर रहती है। इसके पीछे कांग्रेस के नेता ही मानते है कि संगठन कमजोर होने से। जिलाध्यक्षों के पद खाली होने पर भले ही कांग्रेस के आला नेता यह कहते आए है कि जो जिलाध्यक्ष है अभी वे काम संभाल रहे है जब तक नई नियुक्तियां नहीं हो लेकिन वे जिलाध्यक्ष कहते है कि ऐसे में काम करने में कोई मजा नहीं आता है। उदयपुर नगर निगम में 25 सालों से भाजपा का बोर्ड बनता आ रहा है और इस बार के बोर्ड में गायों और झीलों को लेकर बोर्ड फंसा हुआ है लेकिन कांग्रेस की​ स्थिति ऐसी है कि एक नेता ने इस आंदोलन को हाथ में नहीं लिया, यह तो दूर की बात लेकिन एक बयान तक जारी नहीं किया। कांग्रेस की मजबूती के लिए सबसे पहले जिलाध्यक्षों से लेकर ब्लॉक अध्यक्षों के पद पर जिम्मेदारियां देनी होगी।

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Amolak News

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