होमगार्ड की वेतन वृद्धि का प्रस्ताव विचारार्थ नहीं, सरकार का जवाब

जयपुर। गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने बुधवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि होमगार्ड की वेतन वृद्वि से संबंधित कोई भी प्रस्ताव वर्तमान में राज्य सरकार के पास विचारार्थ नहीं है।
गुढ़ा ने प्रश्नकाल में विधायक रामप्रताप कासनियां के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि होमगार्ड अधिनियम 1963 की धारा 2 के अन्तर्गत स्वयं सेवी संगठन के रूप में होमगार्डस का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान गृह रक्षा नियम-1962 के अन्र्तगत गृह रक्षा स्वयं सेवक (होमगार्ड) को 5 वर्ष के लिए नामांकन किया जाकर सदस्यता प्रदान की जाती है।
गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि 2500 स्वयं सेवको के नामांकन हेतु 4 मार्च, 2020 को विज्ञप्ति जारी कर वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न जिला प्रशिक्षण केन्द्रों एवं सीमा गृह रक्षा दल की बटालियनों में नामांकन प्रक्रिया पूर्ण की गई है, जयपुर केन्द्र की नामांकन प्रक्रियाधीन है। उन्होंने सम्बन्धित जानकारी सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर जिले में गृह रक्षा विभाग की सीमा गृह रक्षा दल तथा गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र की इकाइयां स्थापित है। उन्होंने बताया कि सीमा गृह रक्षा दल श्रीगंगानगर वर्तमान में सीमा गृह रक्षा दल में स्वयंसेवकों की स्वीकृत नफरी 666, मौजूदा नफरी-583 एवं 468 स्वयंसेवक नियोजित है। उन्होंने बताया कि प्लाटून सार्जेंट/कारर्पाेरल को 908 रुपये प्रति दिवस तथा लांस कारर्पाेरल/गार्डस्मैन को 795 रुपये प्रति दिवस का मानदेय देय है।

उन्होंने बताया कि गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र, श्रीगंगानगर वर्तमान में गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र श्रीगंगानगर में स्वीकृत नफरी-730 ,मौजूदा नफरी-632 तथा माह फरवरी,2022 में 230 स्वयंसेवक नियोजित है। उन्होंने बताया कि मानदेय- वर्तमान में होम गार्डस जवानों को पुलिस कानिस्टेबल के समान डयूटी करने व वाहन चालक का कार्य करने पर 693 रुपये दैनिक डयूटी भत्ता एवं इनके अतिरिक्त अन्य डयूटियों हेतु 590 रुपये प्रतिदिवस की दर से दैनिक ड्यूटी भत्ता देय है। उन्होंने श्रीगंगानगर जिले में सीमा गृह रक्षा दल व गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र, में मौजूदा होमगार्ड नफरी का विवरण सदन के पटल पर रखा।
श्री गुढ़ा ने बताया कि होमगार्डस अधिनियम-1963 की धारा 2 के अन्तर्गत स्वयं सेवी संगठन के रूप में होमगार्डस का गठन किया गया है। राजस्थान गृह रक्षा नियम-1962 के अन्र्तगत गृह रक्षा स्वयं सेवक (होमगार्ड) को 5 वर्ष के लिए नामांकन किया जाकर सदस्यता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि इन नियमों में होमगार्ड स्वयं सेवकों को स्थायी नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है।

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