पहली बार एमएलए बनने पर बोले थे पिताजी, नम्र बने रहना, एमएलए बनी हो कोई भगवान नहीं..!

उदयपुर। आज के जनप्रतिनिधि को सबसे पहले समय की कीमत समझनी चाहिए और हर निर्धारित कार्यक्रम में तय समय पर उपस्थित होना चाहिए। जनता को इंतजार कराने की प्रवृत्ति कभी नहीं होनी चाहिए।


यह बात जोधपुर के सूरसागर से विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास ने गुरुवार को यहां उदयपुर सिटीजन सोसायटी के पदाधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों के गुणों व अन्य पहलुओं पर संक्षिप्त चर्चा के दौरान कही। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को समय का पाबंद होने के साथ जनता को भी पूरा समय देने की वकालत की। जनप्रतिनिधि जनता का सम्मान करें। उनसे मुस्कुरा कर मिलें, नम्रता रखें। उनकी हर बात को सुनें। हर पत्र का जवाब दें। स्वयं पीएम मोदी हर पत्र का जवाब भेजते हैं।
उन्होंने दूसरी सीख यह दी कि जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद वह सभी का होता है, किसी एक पार्टी का नहीं। विधायक सभी का विधायक है और मुख्यमंत्री सभी के लिए मुख्यमंत्री। हां, यह जरूर कहा जा सकता है कि जनप्रतिनिधि जिस पार्टी से है उसका काम ज्यादा कराता है, लेकिन अन्य आमजन की समस्या का समाधान भी पद पर रहते हुए उसी की जिम्मेदारी है।
जनप्रतिनिधियों की शिक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि शिक्षा उतनी जरूरी नहीं है जितनी जनता की जरूरत की समझ होना जरूरी है। जिसमें जनता को समझने का गुण है, जनता की परवाह है, वह जनप्रतिनिधि शिक्षित हो या न हो, जनता की समस्या का समाधान करने के लिए हर स्तर पर जूझेगा और यही उसकी पहचान होगी। साथ ही वह अपनी बात को जहां भी रखे, उसका तरीका ऐसा हो जो सभी को सामान्य रूप से समझ में आ जाए। यही काफी है।
विधायक श्रीमती व्यास ने कहा कि जब वे पहली बार विधायक चुनीं गईं तब पिताजी ने कहा था कि कभी सिर से पल्लू नहीं हटाना और भैरोंसिंह शेखावत से कभी सिर और नजरें ऊंचा करके बात नहीं करना। तीसरी बात उन्होंने कही कि हमेशा नम्र बने रहना और जनता को पूरा सम्मान देना, एमएलए बनी हो कोई भगवान नहीं।
इससे पूर्व, उदयपुर सिटीजन सोसायटी के अध्यक्ष क्षितिज कुम्भट, सचिव कमल नाहटा, वरिष्ठ गणपत अग्रवाल, उदयपुर रेडिमेड होजरी एसोसिएशन के महामंत्री अक्षय जैन, महिला समाज सोसायटी की सदस्य श्रीमती मीनू कुम्भट आदि ने उनका स्वागत किया। सोसायटी की ओर से उन्हें उदयपुर से जोधपुर को सीधे रेलमार्ग व वायु सेवाओं से जोड़ने के लिए आग्रह पत्र सौंपा गया।
कुम्भट ने बताया कि पत्र में यह भी जानकारी दी गई कि पूर्व में उदयपुर के बलीचा से आगे स्थित कुण्डाल से पई होते हुए आबू रोड तक नई रेल लाइन की चर्चा शुरू हुई थी। इसके सर्वे की भी बात सामने आई, लेकिन इसके बाद बात आगे नहीं बढ़ी। यदि उदयपुर से आबूरोड सीधी नई रेल लाइन मिल जाए तो आबू रोड से आगे जोधपुर तक रेल कनेक्टिविटी मौजूद है। उदयपुर से जोधपुर सीधे जुड़ाव से दोनों ही शहरों की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था में भी इजाफा होगा।
सादर प्रकाशनार्थ

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