उदयपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव के निर्देशानुसार राष्ट्रीय खा़द्य सुरक्षा योजना के तहत गरीबों का गेहूं खाने वाले सरकारी कर्मचारियों को बक्शा नहीं जाएगा। जिन कर्मचारियों ने इसकी कीमत जमा नहीं करवाई, उनके खिलाफ एफआईआर की जाएगी। विभाग ने ऐसे कर्मचारियांे को 15 जनवरी तक की मोहलत दी है।
उदयपुर की जिला रसद अधिकारी ज्योति ककवानी ने बताया कि जिले में 3 हजार 412 सरकारी कर्मचारियों के परिवार के 13 हजार 683 सदस्य लम्बे समय तक जरूरतमंदों के हिस्से का खाद्य सुरक्षा योजना में गेहूं का उठाव कर रहे थे। उनके खिलाफ नियमानुसार 15 जनवरी तक वसूली किए जाने के निर्देश दिए है।
ककवानी ने बताया कि इनमें गिर्वा मे 422 परिवार के 1 हजार 688 सदस्य, गोगुन्दा में 139 परिवार के 556 सदस्य, वल्लभनगर के 240 परिवार के 960 सदस्य, सलुम्बर के 120 परिवार के 480 सदस्य, लसाडिया के 160 परिवार के 640 सदस्य, झाड़ोल के 228 परिवार के 912 सदस्य, मावली में 210 परिवार के 827 सदस्य, खेरवाड़ा में 1035 परिवार के 4 हजार 140 सदस्य, सराड़ा में 486 परिवार के 1 हजार 944 सदस्य, कोटड़ा में 48 परिवार के 240 सदस्य, बड़गांव में 281 परिवार के 1 हजार 124 सदस्य तथा ऋषभदेव में 43 परिवार के 172 सदस्य शामिल है।

27 रुपये प्रतिकिलो के दर से होगी वसूली
ककवानी ने बताया कि ऐसे सरकारी कर्मचारियों से प्राप्त किये गये गेहूं के विरूद्ध भारतीय खाद्य निगम की ईकोनोमिक लागत एवं विभागीय खर्चों के आधार पर राशि 27 रुपये प्रतिकिलों की दर से वसूली की जाएगी। उन्होेंने बताया कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी के घर में छह सदस्य हैं, उसने प्रति व्यक्ति पांच किलो के हिसाब से 30 किलो गेहूं डीलर से हर महीने उठाया है तो उस कर्मचारी को 30 किलो गेहूं के एवज में 810 रूपये प्रतिमाह की दर से जमा करवाने होंगे।
उन्होंने बताया कि जिन सरकारी कर्मचारियों ने अब तक यह राशि राजकोष में जमा नहीं कराई है, वे 15 जनवरी तक तक यह राशि जमा करवा सकते हैं। इस अवधि के बाद राशि जमा नहीं करवाने वाले अधिकारी-कार्मिक के विरूद्ध विधिक (एफआईआर) तथा विभागीय कार्यवाही का प्रस्ताव तैयार किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि विभाग ने सर्वे करवाकर प्रदेश में 64 हजार 607 सरकारी कर्मचारियों को चिह्नित किया था जो लम्बे समय से डीलर से गेहूं उठा रहे है। नियमानुसार ये लोग राशन का गेहूं उठाने के पात्र नहीं है। कोविड के मद्देनजर सरकार ने जरूरतमंदो को प्रति व्यक्ति 5 किलो व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनान्तर्गत 5 किलो अतिरिक्त यानि कुल दस किलो गेहूं मुफ्त देने का माह नवम्बर 20 तक प्रावधान कर रखा है। विभाग द्वारा कराये गये सर्वे के पश्चात उन सरकारी कर्मचारियों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से विच्छेद भी किये गये है तथा उपयोग में लिये गये गेहूं की राशि जमा कराने हेतु नोटिस भी तामिल कराये गये है।

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