गजेंद्र सिंह-विश्व पर्यटन सूचकांक में भारत टॉप टेन में हो शामिल, उदयपुर में राष्ट्रीय पर्यटन कॉन्फ्रेंस

उदयपुर। झीलों और प्राकृतिक सौंदर्य से ओतप्रोत अनुपम एवं रमणीय पर्यटन नगरी उदयपुर में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यटन कॉन्फ्रेंस का मंगलवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्रसिंह शेखावत, पंजाब के राज्यपाल और चण्डीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी सहित केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल तथा विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्रियों की उपस्थिति में होटल मेरिएट में भव्य शुभारम्भ हुआ। कांफ्रेन्स में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वन स्टेट- वन ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन विजन की परिणिति के प्रारंभिक चरण में विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्रियों ने अपने-अपने क्षेत्र में ग्लोबल डेस्टिनेशन की संभावनाओं और प्रस्तावों पर प्रजेंटेशन दिए।

प्रारंभ में पर्यटन मंत्रालय की सचिव सुश्री वी विद्यावती ने सभी आंगुतकों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत में ग्लोबल डेस्टिनेशन के सभी तत्व मिलते हैं फिर भी यहां पर्यटन की अपेक्षित ग्रोथ के लिए कमियों की पहचान कर उन्हें दूर करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। माननीय प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार गत दिनों हुई बैठक में देश में 50 नए ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित करने को लेकर सभी राज्यों से प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था। इसी क्रम में आयोजित यह कांफ्रेन्स देश के पर्यटन विकास की नई रूपरेखा तैयार करने में महत्वपूर्ण कड़ी सिद्ध होगी।

उपमुख्यमंत्री ने कांफ्रेन्स के लिए राजस्थान को चुनने पर जताया आभार
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कांफ्रेन्स के लिए राजस्थान को चुनने पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री शेखावत का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी आंगतुकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमारे यहां हर किला महल अपनी कहानी कहता है, राजस्थान का गौरवपूर्ण इतिहास, विविध रंगों से परिपूर्ण विरासत, कला एवं संस्कृति समूचे विश्व में अपनी अनूठी पहचान रखते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से पूरी दुनिया में एक आइकोनिक डेस्टिनेशन है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का विजन दिया है और इस और नियमित मार्गदर्शन कर रहें हैं। दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान को दुनिया में लीडिंग टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत राजस्थान से ही हैं और उनका हमें होम स्टेट होने के कारण राजस्थान को निश्चित ही लाभ रहता है।

पर्यटन विकास में शुरू हुई स्वस्थ स्पर्धा लक्ष्य प्राप्ति की शुरूआत है – श्री शेखावत
कांफ्रेन्स के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि उदयपुर एक मनमोहक डेस्टिनेशन तो है ही इसके साथ ही उदयपुर भारत देश की एक महान ऐतिहासिक धरोहर है। उन्होंने कहा कि पहले पर्यटन को लेकर अपेक्षित प्रयास नहीं होते थे, लेकिन अब देश के विभिन्न राज्यों में पर्यटन विकास के लिए स्वस्थ स्पर्धा सी है, जो वैश्विक पर्यटन की अपेक्षाओं को पूरा करने के लक्ष्य की प्राप्ति की शुरूआत कही जा सकती है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन के अनुरूप नवाचार के रूप में प्रत्येक राज्य में कम से कम एक ग्लोबल पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत कोविड के बाद पर्यटन क्षेत्र को दोबारा खड़ा करने के लिए बढ़ावा देने वाले अग्रणी देशों में शामिल है। वर्ष 2024 में भारत में 2 करोड़ विदेशी पर्यटक आए, वहीं देशी पर्यटकों का मुवमेंट भी बहुत तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक पर्यटन सूचकांक डब्ल्यूटीआई में भारत 39वें नंबर है। डब्ल्यूटीआई के पैरामीटर्स में 18-20 प्रतिशत केंद्र सरकार के स्तर के हैं, शेष राज्यों पर आधारित हैं। ऐसे में राज्यों को विशेष गंभीरता से काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य डब्ल्यूटीओ में टॉप टेन देशों में जगह बनाना है। साथ ही जीडीपी में पर्यटन के योगदान को भी 5-6 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित करने होंगे, ताकि विदेशी पर्यटकों की अपेक्षाओं को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारतीय पर्यटकों का विदेशों की ओर रूख भी बढ़ा है। इसलिए पर्यटन के क्षेत्र में समग्र कार्य करते हुए देशी पर्यटकों को भी पहले अपना देश घूमें-फिर विदेश घूमें की अवधारणा की ओर मोड़ने की भी जरूरत है।

मेवाड़ पर पुरखों और प्रकृति का आशीर्वाद
पंजाब के राज्यपाल और चण्डीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाबचंद कटारिया ने उदयपुर में कांफ्रेन्स आयोजित किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए सभी आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मेवाड़ पर पुरखों और प्रकृति का आशीर्वाद है। यहां का अपना गौरव पूर्ण इतिहास है। स्वाधीनता और स्वतंत्रता के लिए इस क्षेत्र ने संघर्ष किया है। प्रकृति ने यहां झीलें और हरे-भरे पहाड़ दिए। धार्मिक दृष्टि से भी यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कांफ्रेन्स में भाग लेने आए सभी पर्यटन मंत्रियों, अधिकारियों से उदयपुर और उसके आसपास के डेस्टिनेशन का भ्रमण करने का आग्रह किया। साथ ही पर्यटन विकास की संभावनाओं पर सुझाव भी आमंत्रित किए।

राजस्थान की प्रस्तुति में बही शौर्य, संस्कृति और आध्यात्म की त्रिवेणी
राष्ट्रीय पर्यटन कॉन्फ्रेंस के पहले दिन विभिन्न सत्रों में राजस्थान पर्यटन सहित विभिन्न राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपने प्रस्तुतिकरण दिए। इसमें उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में प्रस्तावित किए गए स्थलों की संपूर्ण जानकारी, उनकी कनेक्टिविटी, प्रस्तावित विकास कार्य, अपेक्षित परिणाम आदि के संबंध में पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुति दी।
इसी क्रम में राजस्थान की ओर से राजस्थान पर्यटन सचिव श्री राजेश यादव एवं पर्यटन आयुक्त श्रीमती रुक्मणि रियाड़ ने शौर्य, संस्कृति और आध्यात्म की त्रिवेणी के रूप में क्रमशः महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट उदयपुर, जैसलमेर और पुष्कर तीन स्थानों को ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्तुतिकरण दिया। इसके अलावा जम्मु कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चण्डीगढ़, हरियाणा व उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, एनसीटी दिल्ली, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, पुडुचेरी व लक्षद्वीप, गुजरात व महाराष्ट्र आदि राज्यों ने भी प्रजेंटेशन दिए। पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन सुमन बिल्ला ने आभार व्यक्त किया।

नागालैंड की धरती से झीलों की नगरी को नमस्ते!
राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस के दौरान विभिन्न सत्रों में मेघालय, नागालैंड, लद्दाख, तमिलनाडु, केरल, नई दिल्ली, सहित अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की ओर से अपने क्षेत्रों में पर्यटन के नए डेस्टीनेशन की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
इस दौरान नागालैंड के पर्यटन और उच्च शिक्षा मंत्री तेम्जेन इम्मा एलॉन्ग ने अपने सम्बोधन की शुरुआत में कहा- “नागालैंड की धरती की ओर से नमस्ते! नागालैंड की जुको वैली को ग्लोबल डेस्टीनेशन बनाने की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, उदयपुर जैसे खूबसूरत शहर को बनाने के बाद आराम करने के लिए भगवान ने जुको वैली को बनाया। ज़ूको वैली हरियाली से भरी 20 हजार एकड़ क्षेत्र में 8 हजारी फीट की ऊंचाई पर स्थित है। नागालैंड के 1400 से अधिक गांवों में 17 जनजातियां निवास करती हैं। जूको वैली कोहिमा से आगे नागा जनजाति का गांव है, जहां हर साल पारंपरिक त्योहार मनाए जाते हैं। पूर्वातर की रील्स देखें, तो सबसे ज्यादा जूको वैली की होती है। हम चाहते हैं कि हमारी संस्कृति और प्राकृतिक वातावरण को बचाते हुए जूको वैली को ग्लोबल डेस्टीनेशन बनाएं। आप सभी को निमंत्रण है कि जब रेगिस्तान से थोड़ा मन भर जाए, तो नागालैंड आएं।


मेघालय में उमियाम लेक बनेगी ग्लोबल डेस्टीनेशन-
मेघालय के प्रतिनिधिमंडल ने उमियाम लेक को “गेटवे ऑफ मेघालय” बताते हुए इसे ग्लोबल डेस्टीनेशल के रूप में प्रमोट करने का रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि मेघालय राज्य के सकल घरेलू उत्पादन में पर्यटन क्षेत्र का 7.7 फीसदी योगदान है और इसे बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उमियाम के आसपास पांच सितारा रिसोर्ट, 21.58 करोड़ की लागत से उमियाम वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लैक्स सहित 500 करोड से अधिक के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं। इसके लिए 381.18 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है।
तमिलनाडुः तमिलनाडु पर्यटन विभाग ने महाबलीपुरम पर प्रजेंटेशन दिया। महाबलीपुरम अपने भव्य मंदिरों, शिल्पकला और पत्थर की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है और राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है।
केरलः केरल में माउंटेन टूरिज्म के क्षेत्र में नई संभावनाओं पर जोर दिया गया। राज्य प्राकृतिक सौंदर्य और पहाड़ी पर्यटन को मिलाकर पर्यटकों को आकर्षित करना चाहता है।
लद्दाखः लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि लद्दाख में एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। इसके लिए होम स्टे की संख्या बढ़ाने, डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और ईको-टूरिज्म को प्रोत्साहित करने की योजनाओं पर काम चल रहा है। नूब्रा वैली, जास्कर वैली, सुरू वैली की अपनी खासियत है। हर वैली की अपनी सांस्कृतिक विशेषत है। यहां पर होम स्टे को पर्यटन के लिए काफी पसंद किया जाता है। लद्दाख के स्थानीय निवासियों को अच्छा रोजगार मिल रहा है। लोकल हिल डवलपमेंट काउंसिल के साथ मिलकर पब्लिक प्राइवेट और कम्युनिटी पार्टनरशिप में कलस्टर बनाकर ग्लोबल डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां हॉर्स पोलो को लेकर भी काफी क्रेज है।
दादर और नगर हवेलीः केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली के प्रतिनिधि मंडल ने दूधानी लेक को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बताई। दमन गंगा नदी के रिजर्वायर से बनी इस झील पर लेक रिसोर्ट, ट्राइबल क्राफ्ट सेंटर और चॉपर सर्विस जैसी सुविधाएं विकसित की जाएगी। पिछले वर्ष यहां 13 लाख पर्यटक पहुंचे थे, जिसे बढ़ाकर 25 लाख करने का लक्ष्य रखा गया है। तीन श्रेणियों में लेक विला, फॉरेस्ट विला और रेजिडेंशियल विला में विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

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