उदयपुर। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता व उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि वन और वन्यजीव संरक्षण-संवर्धन के प्रयासों के लिए समस्त जनप्रतिनिधि प्रतिबद्ध है और इसके तहत उदयपुर की हरियाली बढ़ाने, वन्यजीव सुरक्षा तथा टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने के जो भी प्रस्ताव प्राप्त होंगे वो शत-प्रतिशत स्वीकृत किये जायेंगे तथा इसमें धन की कमी आड़े नहीं आयेगी।
कटारिया शुक्रवार को यहां रिजर्व पुलिस लाईन, उदयपुर स्थित थान वाटिका में वन विभाग एवं प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में 73वाँ जिला स्तरीय वन महोत्सव के तहत आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने वन विभाग से यह अनुरोध किया कि वन महोत्सव हर वर्ष जून के अंतिम सप्ताह या 15 जुलाई तक आयोजित कर लेना चाहिए जिससे आने वाली वर्षा का लाभ लगाये गये पौधों को मिल सकें।
उन्होंने बगदरा नेचर पार्क, पुरोहितों का तालाब, उबेश्वर जी, जयसमंद क्षेत्र को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकास की अपार संभावनाएं जताई और सड़क किनारे विशेषतः झाड़ोल, गोगुंदा, अहमदाबाद हाइवे पर वृक्षारोपण के लिए जोर दिया।  उन्होंने कृषि मंडी, पुलिस लाइन जैसे परिसरों को वृक्षों की दृष्टि से समृद्ध करने की जरूरत बताई और कहा कि हमें आने वाली पीढ़ी की चिंता है कि उन्हें हमारे प्रयासों से अपने आसपास हरा-भरा वातावरण प्राप्त हो।


उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि उदयपुर में जो भी पहाडि़यां वृक्ष विहीन थीं उनको हरा-भरा करने का कार्य वन विभाग, नगर निगम, यू.आई.टी., प्रशासन के सहयोग से किया जा रहा है। इससे हरियाली में वृद्धि हुई है तथा पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने मेवाड़ जैव विविधता पार्क में विकसित हुए फूलों वाले पौधों, छायादार वृक्ष इत्यादि की सराहना की तथा सभी से आह्वान किया कि वे किसी भी खुशी के प्रयोजन पर एक पौधा अवश्य लगाकर सुरक्षा करें एवं हरियाली बढ़ाने में योगदान दें।

1995 के बाद वन क्षेत्र में कमी न हुई: आरके सिंह
अपने संबोधन में संभागीय मुख्य वन संरक्षक आर. के. सिंह ने कहा कि कि वन विभाग द्वारा वन भूमि पर हर वर्ष वृक्षारोपण किया जा रहा है परन्तु हरियाली में वृद्धि हेतु कृषि भूमि, चारागाह भूमि राजकीय परिसरों तथा घरों में भी पौधे लगाने से हरित क्षेत्र बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मुख्यमंत्री महोदय ने पूरे राजस्थान में 5 करोड़ पौधे वन विभाग को तैयार करने के निर्देश दिये थे जो कृषि भूमि, चारागाह भूमि एवं राजकीय परिसरों में रोपण के लिए अगले वर्ष वितरित होंगे। सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की अनुपालना में जिले के माछला मगरा में लव कुश वाटिका तथा संभाग स्तर पर केवड़ा में बोटोनिकल गार्डन तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उदयपुर जिले में अब तक 13 लाख पौधे तैयार करने के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त आमजन को स्वस्थ रखने के लिए घर-घर औषधि योजना के तहत गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, कालमेघ के 8-8 पौधे भी निःशुल्क वितरित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह शुभ संकेत है कि वर्ष 1995 के बाद राजस्थान के वनक्षेत्र में कमी नहीं आई है।  
जयसमंद में भी शुरू होगी लेपर्ड सफारी: कलक्टर
जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि जिले की समृद्ध जैव विविधता को देखते हुए जयपुर के झालाना में लेपर्ड सफारी की तर्ज पर जयसमंद में भी लेपर्ड सफारी शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे। कलक्टर मीणा ने कहा कि राष्ट्रीय वन नीति अनुसार देश के एक-तिहाई भू-भाग वनों से आच्छादित होने चाहिये जिसके विरुद्ध उदयपुर जिले के भू-भाग का लगभग 30 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र है। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग, खेलगांव और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पलाश, अमलतास आदि स्थानीय प्रजातियों के पौधों के रोपण पर फोकस किया गया है। उन्होंने बताया कि बीस सूत्री कार्यक्रम के तहत सभी विभागों द्वारा पिछले वर्ष 34 लाख पौधे पर लगाकर शत-प्रतिशत लक्ष्य अर्जित किया था। इस बार भी राज्य सरकार से सभी विभागों को 28 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य आवंटित किया था जो पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में सभी को वृक्षों का महत्व समझ में आ गया है तथा सभी लोग इसे जीवन से जोड़कर अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
आरंभ में वन संरक्षक आर.के. जैन ने स्वागत उद्बोधन देते हुए वन महोत्सव का महत्व बताया तथा इसे अभियान के रूप में आयोजित कर उदयपुर की हरियाली बढ़ाने हेतु सभी से आह्वान किया।
इस अवसर पर समाजसेवी रवीन्द्र श्रीमाली, मुख्य वन संरक्षक आर.के खैरवा, उप वन संरक्षक मुकेश सैनी, सुपांग शशि, सेवानिवृत वन अधिकारी वी.एस. राणा, सुहैल मजबूर, प्रताप सिंह चुण्डावत, सत्यनारायण सिंह, सहायक वन संरक्षक डी.के. तिवारी, कन्हैयालाल शर्मा, सुशील सैनी, पक्षीविद देवेंद्र मिस्त्री, पर्यावरणविद् सुनील दुबे, क्षेत्रीय वन अधिकारी विजेन्द्र सिंह सिसोदिया, सीओ स्काउट सुरेन्द्र पांडे, सीओ गाइड विजयलक्ष्मी वर्मा, एन.सी.सी. व स्काउट गाइड, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे। समारोह को संचालन राजेन्द्र सेन ने किया जबकि आभार प्रदर्शन की रस्त उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने अदा की ।
151 पौधों का हुआ रोपण:
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी कुंदन ने रिजर्व पुलिस लाईन में 151 छायादार व  फलदार पौधे लगाने के लक्ष्य को बताया व इनकी सुरक्षा को आश्वस्त किया। कार्यक्रम दौरान मुख्य अतिथि कटारिया ने बिल्वपत्र का पौधा रोपा जबकि अन्य अतिथियों ने आंवला, अमरूद, जामुन, बिलपत्र, शहतूत, आम, लिसोडा एवं छायादार पौधे बहेडा, गुलमोहर, कचनार, महुआ इत्यादि के पौधों को रोपण किया।

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