नई दिल्ली/चित्तौड़गढ़। सांसद सी.पी.जोशी ने मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेते हुये शुन्यकाल के दौरान राजस्थान सरकार के द्वारा अनैतिक तरीके से फोन टेपिंग के मामले को लोकसभा में उठाते हुये कहा की राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार फोन टेलिग्राम अधिनियम 1885 की धारा-5 के फोन नियमों से परे चलकर बिना फोन टैपिंग प्राधिकृत अधिकारी के आदेश से वह भी तब जब देश में न तो आपातकाल की स्थिति हैं और न ही राज्य या देश की सुरक्षा को किसी प्रकार का खतरा हैं फिर भी सरकार के द्वारा विधायकों एवं विपक्ष नेताओं के फोन को टैप कराया गया है।
संविधान के नियमानुसार तो कोई व्यक्ति यदि कपटपुर्ण तरिके से संदेश को रिकॉर्ड करता हैं या उसको नष्ट करता हैं या किसी से लेता एवं किसी को देता तो उसके विरूद्ध 2 साल की सजा तक का प्रावधान है।
पूर्व में राजस्थान के मुख्यमंत्री जी ने यह कहा था की यदि फोन टैपिंग की बात सच होती हैं तो वो मुख्यमंत्री के पद से इस्तिफा दे देंगे लेकिन सदन में यह बात सच साबित हुयी की प्रदेश की सरकार के मुखिया के निर्देशों से उच्च अधिकारीयों के कहने पर फोन टेपिंग की गयी थी, इसलिये मुख्यमंत्री महोदय को अपने कथनानुसार इस अनैतिक कार्य के लिये नैतिकता के आधार पर अपना इस्तिफा दे देना चाहिये।
इस प्रकार फोन टेपिंग कर गैरकानुनी तरिके से सरकार एवं वहॉ के मुखिया ने अपराध किया है, इसलिये इस सम्पर्ण मामले की सी.बी.आई. के द्वारा निष्पक्ष जांच करवायी जाये साथ ही इस प्रकार के मामले में झुठ बोलने एवं कपटपूर्ण तरिके से कार्य कर नियमों की अनदेखी कर मुख्यमंत्री के ईशारों पर कार्य करने वाले अधिकारीयों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने की मांग की।
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