उदयपुर। राजस्थान में पिछले दिनों देश के गृहमंत्री व भाजपा के बड़े नेता अमित शाह Amit Shah के दौरें के बाद राजस्थान Rajasthan भाजपा में कुछ बदलाव दिख रहा है। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे Vasundhara Raje पिछले दिनों ही मेवाड़ यात्रा पर आई लेकिन मेवाड़ के कदावर नेता जाने वाले विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया Gulab Chand Kataria और उनकी टीम उनकी अगवानी में नहीं गई। कटारियान ने निशाने पर भी लिया लेकिन अब वे बदल गए है।

गुरुवार को उदयपुर शहर में भाजपा की ओर से प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ आयोजित की गई जन आक्रोश रैली में गुलाबचंद कटारिया का आक्रोश सरकार के खिलाफ तो जमकर था और तीखा था लेकिन वे वसुंधर राजे को लेकर बदले—बदले से थे। असल में कटारिया ने करीब पांच से छह बार वसुंधरा राजे के गुणगाण गाते हुए उनके कार्यकाल की योजनाओं को गिनाते हुए इतने तो कहा कि वसुंधराजी ने जो काम किए आज याद कीजिए और आज इस गहलोत सरकार को देखिए।

कटारिया जिस सभा को संबोधित कर रहे थे उसके पीछे भाजपा के नेशनल प्रेसीडंट, प्रधानमंत्री और राजस्थान प्रेसीडेंट और स्वयं उनका फोटो लग रहा था लेकिन वहां राजे का फोटो नहीं था। सभा में कटारिया ने राजे की वाहवाही की तो उनकी टीम में विचार में पड़ गई क्योंकि वे जानते थे कि जब राजे आई तब भाई साहब ने दूरी बनाई थी और अब एकाएक क्यां हो गया।

राजनीतिक समीक्षकों की माने तो अमित शाह के दौरें के बाद से ही यह हुआ है और अभी तो बहुत कुछ होने वाला है। शाह ने पार्टी की एकता और 2023 में सरकार लाने के मिशन को लेकर राजस्थान में कुछ भी हो सकता है। बता दें कि राजस्थान भाजपा अलग—अलग गुटों में बंटी है और राजे गुट उनको सीएम का चेहरा घोषित करना चाहता है।

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