उदयपुर। स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी राजनीति के शिल्पी थे जिन्होंने अपने श्रम और साधना से लाखों लाखों कार्यकर्ताओं को संगठन में गढ़ा, उन्हें इस लायक बनाया की वो माँ भारती की सेवा कर सके।

यह उद्गार व्यक्त किए राष्ट्रीय स्वयं संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणीी सदस्य गुणवंत सिंह कोठारी ने जो स्वर्गीय सुंदर सिंंह भंडारी चैरिटेबल ट्रस्टट द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के 97 जन्म जयंती पर नगर निगम स्थित मोहनलाल सुखाड़िया रंगमंच पर आयोजित व्याख्यानमाला एवं सम्मान समारोह मैं बतौर मुख्यय वक्ता अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने स्वर्गीय सुंदर सिंंह जी भंडारी केे जीवन केे अनेकों प्रसंगों,घटनाओं और उनकेे द्वारा किये गये कार्यो को भावपूर्ण रूप से उपस्थित जन समुदाय केे सम्मुख रखते हुए अपने जीवन में उतारनेे के लिए संकल्पित किया। उन्होंंने कहा भंडारी जी ने उदयपुर में पहली बार शाखा  प्रारंभ की। श्री कोठारी ने उनके बाल काल उनके युवावस्था देश के विभाजन के समय उनके कार्यों और संघ पर प्रतिबंध केे दौरान किस प्रकार से कार्यकर्ताओं में समन्वय और जुड़ाव रख कर संगठन को सदैव गतिशील रखने का जो हौसला उनमें था वह निश्चित रूप से संगठन के लिए बहुत बड़ी शक्ति का प्रतीीक था श्री कोठारी ने आपातकाल और उसकेे बाद जनता शासन और दोहरी सदस्यता के चलते भारतीय जनता पार्टी के गठन तक की यात्रा में भंडारी जी के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा की उन्होंने कहा कि सूसंगठित हिंदू समाज खड़ा करने के उद्देश्य को लेकर सुंदर सिंह भंडारी ट्रस्ट ने संघ के विचार को आगे बढ़ाने वाले महा मना एवं तपस्वी बंधुओं का सम्मान कर निश्चित रूप से कार्यकर्ताओं केेे सम्मुख एक उदाहरण रखा है इन लोगों के निस्वार्थथ जीवन से हम सभी को प्रेरणा लेनीी चाहिए। उन्होंने सुंदर सिंह जी भंडारी के बिहार केे राज्यपाल और गुजरात के राज्यपाल केेे दौरान किए गए कार्योंं का उल्लेख करते हुए कहाा कि उन्होंने संगठन को सदैव सर्वोपरि रखा और राष्ट्रहित को हमेशा प्राथमिकता दी उन्होंने उनके विषय में बताया कि उन्होंने कभी अनुशासन का उल्लंघन नहीं किया वह कभी किसी दबाव के आगे नहीं झुकत थे चाटुकारिता उन्हें कतई पसंद नहीं थी वे दीपक की तरह सभीी के पथ प्रदर्शक थे। उन्होंने अपने खून पसीने से संगठन को सींच कर बड़ा किया उन्होंने कहा केेई संगठन कुशलता  ईतनी थी कि कब किसको कितना बोलना है और किसको कितना बताना है उतना ही बताते थे। उनके मन के भीतर मानवीयता और संवेदनशीलता कूट-कूट कर भरी थी। उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य से संघ शुरू हुआ हिंदुओं का स्वत्व जगाना और राष्ट्र का स्वत जगाना उन्होंने कहा कि हिंदू और हिंदुत्व क्या है यह कोई जाति विशेष नहीं है ना ही कोई पूजा पद्धति है अभी तो यह भारत की प्राचीन संस्कृति है उन्होंने कहां की जो कभी कहते थे कि वे दुर्घटनावश हिंदू धर्म में पैदा हो गए और इसका अफसोस करते थे वह आज कहने लगे एक मैं हिंदू हूं यह है उनकी स्वीकारोक्ति और यह है हिंदुत्व का अभिमान। उन्होंने कहा कि हमें हमारी सामाजिक कमियों और दूरियों को दूर करना है समरसता का अनुभव कराते हुए जन-जन को हमारी संगठन से जोड़ना है और परिवार में नई पीढ़ी को संस्कार से युक्त करना है निश्चित रूप से आने वाली सदी भारत की होगी और भरत पूरे विश्व का मार्गदर्शन करेगा।

ट्रस्टी कुंती लाल जैन ने बताया कि प्रारंभ में दीप प्रज्वलन एवं अतिथि सम्मान के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ ट्रस्ट अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कार्यक्रम के बारे में अपने विचार रखते हुए सभी संगठन कार्यकर्ताओं और उपस्थित जनसमुदाय का स्वागत किया और स्वर्गीय सुंदर सिंह जी भंडारी के जीवन पर अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट के गठन के कारणों उद्देश्य और बीते वर्षों में प्रति वर्ष होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि यह संगठन किसी चंदे से नहीं चलता है अपितु प्रत्येक कार्यकर्ता के दिए हुए आर्थिक अंश  से इस ट्रस्ट का कार्य आगे आगे बढ़ रहा है उन्होंने अपील की कि इस ट्रस्ट को आगे बढ़ाने हेतु ₹11000 के सदस्य बने। श्री कटारिया ने सुंदर सिंह जी भंडारी के शताब्दी वर्ष पर जिन 15 महामानव का अभिनंदन किया उनके बारे में बताते हुए कहा कि यह सभी इस संगठन के नींव के पत्थर हैं जिन्होंने अपने जीवन से इस संगठन को सींचा और आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य हर व्यक्ति की एवं दरिद्र नारायण की सेवा करना वह समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान करना हम उस महान परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं जिससे हमारा देश महान बने।

कार्यक्रम में ओंकार सिंह लखावत भरतराम कुम्हार मनफूल सिंह, डॉ विमल प्रसाद अग्रवाल, जयंतीलाल ,शांतिलाल चपलोत गोपाललाल कुमावत जगदीश प्रसाद सिंघल मूलचंद लोढा शंकर लाल वया,के एल माथुर,कर्नल महेश गांधी, मूलचंद सोनी मीठा लाल लोढ़ा बजरंग प्रसाद मजेजी गोविंद सिंह टाक का साफा पहनाकर उपरणा धारण करा शॉल पहनाकर, अभिनंदन पत्र भेंट कर उनका अभिनंदन किया।इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया भाजपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य ताराचंद जैन पूर्व कुलपति डॉ उमाशंकर शर्मा मनोहर कालरा परमेंद्र दशोरा सांसद अर्जुन लाल मीणा ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा पूर्व उप सभापति वीरेंद्र बाफना शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र श्रीमाली ट्रस्टी कुंती लाल जैन पूर्व उपसभापति हीरा लाल कटारिया पूर्व महापौर रजनी डांगी बीएन संस्थान के तेज सिंह जी बांसी, प्रमुख उद्योगपति शब्बीर मुस्तफा भाजपा की वरिष्ठ नेता एडवोकेट शांतिलाल पामेचा पूर्व उप जिला प्रमुख सुंदरलाल भाणावत उप महापौर पारस सिंघवी शहर जिला महामंत्री डॉ किरण जैन गजपाल सिंह राठौड़ मनोज मेघवाल सहित भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता पार्षद पूर्व पार्षद जनप्रतिनिधि युवा एवं बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।कार्यक्रम का संचालन आलोक पगारिया ने व धन्यवाद आभार ज्ञापित हीरा लाल कटारिया ने दीया।

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