उदयपुर। जिला स्तरीय यातायात प्रबंधन समिति की बैठक गुरुवार को जिला कलक्टर चेतन देवड़ा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। कलक्टर ने जिले में सुगम परिवहन एवं सुव्यवस्थित यातायात के लिए संबंधित विभागों को प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।


प्रारंभ में कलक्टर ने गत बैठक की पालना रिपोर्ट एवं संबंधित विभागों द्वारा की गई कार्यवाही का फीडबैक लिया। उन्होंने शहर में यातायात को डायवर्ट करने के लिए नगर विकास प्रन्यास, यूआईटी एवं अन्य विभागों द्वारा किए गये कार्यों की समीक्षा की और ट्रेफिक समस्या के समाधान के लिए ट्रेफिक मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।


कलक्टर ने परिवहन व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने, परिवहन निगम की सेवाओं में सुधार एवं यातायात साधनों की मांग के अनुरुप वैकल्पिक व्यवस्था करने, शहरी यातायात व्यवस्था में सुधार-यातायात का प्रचार-प्रसार करने, बस स्टेण्ड/स्टॉप का निर्धारण एवं व्यवस्थाओं में सुधारने, यातायात नियमों की अनुपालन सुनिश्चित करने, सड़क चौड़ी करने, स्लिप लेन बनाने, ओवर ब्रिज बनाने, सहायक सड़क विकसित करने एवं बेहतर व्यवस्था के सुझाव एवं क्रियान्विति, अवैध वाहन संचालन रोकने के सुझाव देना एवं अवैध वाहन संचालन रोकने के निर्देश दिए तथा संयुक्त जॉच व्यवस्था के अर्न्तगत किये गये कार्यो की समीक्षा की।

इसके साथ ही उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं का अध्ययन, इनसे बचाव, दुर्घटनाओं में कमी लाने एवं सड़क दुर्घटना बाहुल्य स्थलों के सुधार करने, क्षमता से अधिक सवारी लेकर चलने वाली निजी जीपों, टैक्सियों, बस मिनी बसों पर नियन्त्रण करने, निजी जीपों, ट्रेक्टर एवं अन्य गैर परिवहन साधनों में सवारी की मांग के अनुरूप वैकल्पिक व्यवस्था करना, वाहन जनित प्रदूषण को नियन्त्रित करने के लिए एक्शन प्लान बनाने एवं उसकी क्रियान्विति करने, भार वाहनों में ओवर लोडिंग पर नियन्त्रण एवं सड़क सुरक्षा बढ़ाने को लेकर संबंधित विभागों को निर्देश दिए।

इस दौरान एनजीटी की ओर से नोन अटेनमेन्ट सीटी की पालनार्थ के अनुपालना में जारी की अधिसूचना का अनुमोदन भी कलक्टर द्वारा किया गया। इस अधिसूचना के तहत उदयपुर नगर विकास प्रन्यास की सीमाओं के भीतर डीजल चलित ओटो रिक्शा टेम्पों के नवीन पंजीयन, पुनः पंजीयन, दूसरे जिलों व उदयपुर जिले के शहरी क्षेत्र के अलावा क्षेत्रों में वाहनों का स्वामित्व अन्तरण व दूसरे राज्यों के वाहनों का समनुदेशन तथा 15 वर्ष पुराने डीजल चलित समस्त व्यवसायिक वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही गोवर्धन विलास से लेकर सेक्टर 14 स्थित चुगीनाका तक, गोवर्धन सागर से शुरू होकर गोवर्धन सागर तक समाप्त होने वाले हॉप ऑन हॉप ऑफ नवीन रूट का भी अनुमोदन किया गया।

कलक्टर ने अगली बैठक में जिले में 15 साल से पुराने वाहनों पर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत के पुलिस एवं परिवहन विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने सहेलियों की बाड़ी मार्ग, फहसागर, शहर के प्रमुख चौराहों एवं पर्यटन स्थलों पर पुख्ता पांर्किंग सुविधा के साथ सुचारू यातायात व्यवस्थाएं बनाए रखने के निर्देश दिए।

कलक्टर ने वर्तमान में कोविड 19 की स्थिति को देखते हुए शहर में संचालित यात्री वाहनों यथा राजकीय, सिटी एवं निजी बसों, जीपों आदि में नियमित रूप से सेनेटाइजेशन करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यात्री मास्क लगाकर ही बसों में यात्रा करें और बसों में अनावश्यक भीड़ न हो।
जिले में बनेगी हाइवे मॉनिटरिंग कमेटी

जिले के विभिन्न मार्गों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था एवं दुर्घटनाओं की अंकुश लगाने को लेकर कलक्टर ने जिले में हाइवे मॉनिटरिंग कमेटी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कमेटी हाइवे पर यातायात नियमों को उल्लंघन करने वाले वाहनों पर कार्यवाही, हाइवे मार्गों पर अनावश्यक साइन बोर्ड एवं विज्ञापन हटवाने एवं यातायात के दबाव को कम करने संबंधी कार्यवाही करेंगी।


यूआईटी सचिव अरूण कुमार हसीजा ने शहर में यातायात प्रबंधन के लिए करवाए कार्यों यथा नवीन अंडरपास, ओवरब्रिज, पार्किग व्यवस्था आदि के बारे में सदन को अवगत कराया। साथ ही नगर निगम आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ ने निगम क्षेत्र में पार्किंग की सुविधा, यातायात डायवर्ट के लिए किए गये कार्यों एवं चौराहों पर लाइट्स व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। दोनो अधिकारियों ने यातायात व्यवस्था सुदृढ़ीकरण के लिए अपने-अपने सुझाव भी दिए।

स्मिति के सदस्य सचिव प्रादेशिक परिवहन अधिकारी डॉ. प्रकाश सिंह राठौड़ ने परिवहन विभाग द्वारा जिले में की गई कार्यवाही एवं विभागीय गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। डीटीओ डॉ. कल्पना शर्मा ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर डीटीओ ओमसिंह शेखावत सहित

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