उदयपुर। राज्य के ख्यातनाम साहित्यकार परदेशी की स्मृति में सूचना केंद्र सभागार में राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम की ओर से ‘पत्रकारिता जगत की वर्तमान चुनौतियां’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ जिसमें जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा, एसपी विकास शर्मा, राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष दुलाराम सहारण, सरस्वती सभा सदस्य मीठेश निर्माेही, किशन दाधीच, वरिष्ठ साहित्यकार सदाशिव क्षोत्रिय, गोविन्द माथुर सहित कई साहित्यकार, लेखक, पत्रकार एवं कवि उपस्थित रहे। इस दौरान पत्रकारों की वर्तमान समस्याओं एवं चुनौतियों पर चर्चा की गई। फोरम अध्यक्ष अनिल सक्सेना ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं प्रत्येक जिले में आयोजित हो रही परिचर्चाओं के अभियान पर प्रकाश डाला। संचालक विजय मारू ने परदेशी का जीवन परिचय प्रस्तुत किया।


लोकतंत्र में मीडिया सर्वाधिक महत्वपूर्ण-कलेक्टर
बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि मीडिया दिन-रात काम करते हुए समय पर सूचनाएं लोगों तक पहुंचता है। कई बार प्रशासन से पहले पत्रकार मौके पर मौजूद रह कर अपना कवरेज करते हैं। कलेक्टर ने कहा कि समाचारों के साथ-साथ सम्पादकीय का भी अपना महत्व है एवं अपने जीवनकाल में उन्होंने विद्यार्थी जीवन से ही सम्पादकीय पढने पर जोर रखा है। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा पत्रकारों की विभिन्न मांगों पर अधिकाधिक सहयोग प्रदान करने की बात कही एवं पत्रकारिता की वर्तमान समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने सूचना केंद्र और ओपन थियेटर के जीर्णोद्धार करवाने की भी प्रतिबद्धता प्रकट की।
समाचारों में हो बैलेंस, ऑफिशियल वर्जन जरुरी-एसपी
एसपी विकास शर्मा ने मीडिया में वर्तमान में चल रही भ्रामक खबरों को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि खबरों में बैलेंस जरुरी है। समाचारों में संबंधित अधिकारी का वर्जन होना चाहिए। एक तरफ़ा समाचार कई बार गलत भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया का स्वतंत्र होना देश के लिए बहुत जरुरी है लेकिन मीडिया का कर्तव्य है कि खबरों में तथ्य भी शामिल करने चाहिए। एसपी ने कहा कि पत्रकारों की लिखी ख़बरों को आम आदमी पढता है और खबरों के अनुरूप विचार निर्मित होते हैं ऐसे में खबरों का सही एवं सटीक होना बहुत जरुरी है।
पत्रकारों का काम कठोर से कठोर प्रश्न करना-अध्यक्ष सहारण
राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने कहा कि मीडिया जगत के सामने आज के समय कई चुनौतियां उभरी हैं। उन्होंने कहा कि वे काफी उम्मीद से मीडिया को देखते हैं। कई पत्रकार जान जोखिम में डाल कर एवं पद का खतरा मोल लेकर अपनी पत्रकारिता कर रहे हैं जो काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों का कर्तव्य है कि वे ऑथोरिटी से कठोर से कठोर सवाल करें एवं सही मार्ग प्रशस्त करें। सहारण ने साहित्यकारों द्वारा कार्यक्रम में सुनाई गई विभिन्न रचनाओं की प्रशंसा की। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा साहित्यकारों एवं पत्रकारों के कल्याण हेतु उठाए क़दमों का जि़क्र भी किया।

फेक न्यूज़ और पीत पत्रकारिता बड़ी चुनौती
सरस्वती सभा के सदस्य मीठेश निर्माेही, किशन दाधीच, वरिष्ठ पत्रकार उग्रसेन राव, सुखाडि़या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग अध्यक्ष डॉ कुंजन आचार्य, वरिष्ठ पत्रकार उग्रसेन राव, डॉ. रवि शर्मा आदि ने पत्रकारिता की वर्तमान समस्याओं पर प्रकाश डाला। कुंजन आचार्य ने मोबाइल पर सिमटी पत्रकारिता, पत्रकारिता के नए तौर तरीके, मोजो जर्नलिज्म आदि विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने फेक न्यूज़, पीत पत्रकारिता, मीडिया के कमर्शलाइजेशन, सोशल मीडिया, संचार प्रौद्योगिकी के दुष्प्रभाव आदि विषयों पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ साहित्यकार सदाशिव क्षोत्रिय, गोविन्द माथुर ने भी विचार व्यक्त किये। परिचर्चा कार्यक्रम का संचालन विजय मारू ने तथा आभार प्रदर्शन जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा ने किया। मंच पर सीनियर आरएएस जितेन्द्र पांडे भी मौजूद रहे।
विभिन्न कवियों ने रचनाएं की प्रस्तुत
फोरम अध्यक्ष अनिल सक्सेना ने बताया कि मंच से किरण बाला, ममता जोशी, अशोक जैन मंथन, करुना दशोरा, आशा पांडे ओझा, तरुण दाधीच, शैलेन्द्र सुधर्मा, कुंवर प्रताप सिंह, हितेश व्यास, पुरुषोत्तम शकद्वीपीय, प्रेमलता सोलंकी, शकुन्तला सरुपरिया, हेमंत जोशी सृजनधर्मी एवं कलाविद सहित विभिन्न कवियों एवं साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम में फोरम के महासचिव अशोक लोढ़ा, हेमंत साहू, गिरीश पालीवाल, संदीप माली, मनोज सोनी सहित अन्य उपस्थित रहे।
अब तक विभिन्न जिलों में हुआ परिचर्चाओं का आयोजन
फोरम के संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार अनिल सक्सेना ने बताया कि फोरम द्वारा पिछले 11 वर्षों में दिल्ली सहित राजस्थान प्रदेश के विभिन्न जिलों में पत्रकार सेमिनार, पत्रकार गोष्ठियां और पत्रकार परिचर्चाओं का आयोजन किया गया है। वर्ष 2021 से फोरम ने नवाचार करते हुए दिवंगत पत्रकार, लेखक और साहित्यकारों की स्मृति में विभिन्न विषयों पर प्रदेश के प्रत्येक जिले में पत्रकार परिचर्चा का आयोजन करना शुरू किया है। इसके तहत जयपुर में वीर सक्सेना, अलवर में ईशमधु तलवार, भीलवाड़ा में शिवकुमार त्रिवेदी, प्रतापगढ़ में अनुपम परदेशी, अजमेर ब्यावर में अतुल सेठी, भरतपुर में मनोहर लाल मधुकर, जयपुर में मुंशी प्रेमचन्द और वशिष्ठ कुमार की स्मृति में पत्रकार परिचर्चा का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है।

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