उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय में एम.पी.यू.ए.टी के कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने कुलसचिव मुकेश कुमार एवं एस.ओ.सी. के सभी उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में पौध व्याधि विभाग में  संचालित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत प्रभारी डॉ एस एस शर्मा द्वारा तैयार किये गए वर्ष 2022 के मशरूम कैलेंडर का विमोचन किया I
इस अवसर पर कुलपति ने बताया की हमारे विश्वविद्यालय द्वारा ब्राउन बटन मशरूम की तीन नयी प्रजातियों का विकास किया गया है – प्रताप पोर्टबेल्का – प्रताप किंग आयस्टर  और प्रताप पिंक ऑयस्टर – इन सभी मशरूम में भरपूर औषधीय गुण हैं । उन्होंने बताया कि यहाँ उपलब्ध गैनोडर्मा ल्यूसिडम और शिताके मशरूम  कैंसर रोधी हैं क्योंकि इनमें पॉलीसेकेराइड होता है जो रक्त कोशिकाओं में मौजूद होने के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ये सभी यहां नियमित रूप से उगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा की मशरूम कैलेंडर का प्रकाशन अपने आप में एक अनोखा प्रयास है इससे इसकी खेती करने वाले उद्यमियों और इसका सेवन करने वाले व्यक्तियों दोनों को लाभ होगा, की किस माह में कौन सा मशरूम उपलब्ध होता है और उसके सेवन से क्या लाभ हैं I उन्होंने इस अवसर पर पौध व्याधि विभाग की पूरी टीम, डॉ एस एस शर्मा और अनुसंधान निदेशक को भी बधाई दी जिनके प्रयासों से इसका प्रकाशन संभव हो सका है और उन्होंने इस प्रकार की जानकारी का डोकुमेंटेशन करने की आवश्यकता जताई I
परियोजना प्रभारी डॉ एस एस शर्मा ने बताया की सभी नव विकसित मशरूम वैरायटी में अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और लेनोस्ट्रोल और एर्गोस्टेरॉल की उच्च मात्र होती है जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं। इन्हें एंटी-कोलेस्ट्रोलेमिक भी कहा जाता है। उन्होंने बताया की कैलेण्डर को विशेष महीने में मशरूम उगाने के समय को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। हर महीने प्रासंगिक मशरूम फोटो इसमें दिए गए हैं। राजस्थान में पाए जाने वाले और बाजार में बेचे जा रहे जंगली औषधीय मशरूम जैसे फेलोरिनिया और पोडैक्सिस को भी दिखाया गया है। ये मशरूम एंटी-हाइपरटेंसिव होते हैं क्योंकि इनमें सोडियम: पोटेशियम का अनुपात 1:300 होता है। यह रक्त में नमक की मात्रा को संतुलित करता है। उन्होंने कहा की विभाग में जलवायु नियंत्रित फसल कक्ष का निर्माण किया जा रहा है इस सुविधा के बनने के बाद हम साल भर मशरूम उगाने में सक्षम होंगे। कार्यक्रम का संचालन ओ.एस.डी. डॉ. वीरेंदर नेपालिया ने किया एवं धन्यवाद डॉ एस एस शर्मा ने ज्ञापित किया I

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