उदयपुर। युगांडा देश के बिजनेस टायकून उदयपुर निवासी एनआरआई 57 वर्षीय राजेश चपलोत की बायोग्राफी “व्हील एंड कम्पास ऑफ लाइफ” बुक का सोमवार को विमोचन हो गया। नवरतन कॉम्पलेक्स स्थित लाडो वाटिका में हुए पुस्तक विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट ओपी चपलोत, सहित उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने पुस्तक का विमोचन किया।

चपलोत ने बताया इस बुक की खास बात यह है कि इसमें जीवन के उन पहलुओं और छोटे-छोटे इंसीडेंट की चर्चा की है, जिन पर अक्सर लोग या तो बात ही नहीं करते हैं, या उन विषयों को बात करने के लायक नहीं समझते, लेकिन वे पहलू जीवन में बदलाव के बड़े कारण होते हैं। चपलोत ने बताया कि उनकी इस बायोग्राफी में उन्होंने हर उस शख्स का जिक्र किया है, जिसने कभी न कभी, किसी न किसी रूप में उन्हें आगे बढ़ने में सपोर्ट किया और उनकी प्रेरणा बनें।

उन्होंने बताया कि इस बुक में उन्होंने कोई सफल व्यवसायिक होने का मंत्र नहीं दिया, बल्कि व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के टिप्स दिए हैं। उन्होंने जीवन में मिले अनुभवों और सबक को चैप्टर वाइज लिखकर किताब का रूप दिया है, इसके 15 चैप्टर जीवन के हर पड़ाव के महत्वपूर्ण अनुभवों को समाहित करते हैं।

जानिए चपलोत के बारे में

चपलोत का जन्म उदयपुर में हुआ, यहीं पर उन्होंने स्कूल शिक्षा सहित उच्च शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद उन्होंने गुरू उदयपुर में वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट ओपी चपलोत के सानिध्य में कॅरियर की शुरूआत की। 1996 में वे अफ्रीका के युगांडा देश गए और यहीं से उनके कॅरियर का टर्निंग पॉइंट शुरू हुआ, जो उन्हें बुलंदियों तक ले गया। चपलोत एक सफल व्यवसायी हैं और एलाइड ग्राफिक सिस्टम, काम्यो टेकएज सर्विसेज कंपनियों में डायरेक्टर, मंगलम अफ्रीका लिमिटेड के एमडी हैं। चपलोत सोशल रूप से भी काफी एक्टिव हैं वे युगांडा राष्ट्रपति के सलाहकार हैं। 2019 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। 2020 में युगांडा के राष्ट्रपति ने उन्हें स्वर्ण जयंति पुरस्कार और सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था, वहीं चार्टेर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान द्वारा 2018 में उन्हें इंटरनेशनल लीडर पुरस्कार से नवाजा गया था।

सफलता के साझेदार
चपलोत ने बायोग्राफी व्हील एंड कम्पास ऑफ लाइफ में उन सभी लोगों को सफलता का साझेदार बताया है, जिन्होंने कभी न कभी उन्हें सपोर्ट किया। उन्होंने यह पुस्तक उनके इन्हीं सफलता के साझेदार पिता संपतलाल चपलोत, मां श्यामा देवी, पत्नी प्रतिभा चपलोत, बेटियां कृति व सवि, भारतीय सहकर्मी अनुराग माथुर, गुरू या बॉस ओपी चपलोत, फ्रर्स्ट एम्प्लॉयर विक्रम इस्पात, युगांडा में पहले बॉस सफीर हाजी, युगांडा के सहकर्मी डोरेन अतुगोंजा, त्रुशार उपाध्याय, कल्पेश मेहता और मनोज पटेल को समर्पित की है।

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