उदयपुर। अरावली की पहाड़ियों से आच्छादित उदयपुर संभाग में प्राकृतिक संपदा एवं बहुमूल्य खनिजों के भंडार है। इनका उचित संरक्षण करना एवं इनके दुरूपयोग के साथ अवैध रूप से होने वाले खनन कार्य को रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह विचार खान एवं पेट्रोलियम, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को खान निदेशालय में संबंधित अधिकारियों की बैठक में रखे।

डॉ. अग्रवाल ने राज्य सरकार की खनन नीति के नियमों एवं प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए खनन संबंधित कार्यों को करने की बात कही और विभागीय कार्यों एवं गतिविधियों का जायजा लेते हुए विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में अवैध खनन व निगर्मन को रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।
एसीएस अग्रवाल ने अवैध माइनिंग और परिवहन के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की नसीहत दी और कहा कि प्रकृति के साथ संतुलन स्थापित करते हुए अधिक से अधिक मात्रा में खनिजों का नीति संगत दोहन कर मानव कल्याण और रोजगार का मार्ग प्रशस्त करें।
उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए खान विभाग ने अच्छी मेहनत की है। इससे राजस्व अर्जन भी बढ़ा है, रिकॉर्ड संख्या में संसाधन जब्त हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद अवैध खनन की जो शिकायतें आती हैं, उनको लेकर हम सभी को ज्यादा चौकस रहने की जरूरत है। हमारे प्रयास होने चाहिए कि जितनी सख्त हो सके, उतनी सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। इससे विभाग का मनोबल बढ़ेगा और भू माफियाओं में डर रहेगी।
उन्होंने ऑक्शन वाली जमीन पर अतिक्रमण या अवैध कब्जा हटवाने के निर्देश भी दिए और कहा कि यह हमारा नैतिक दायित्व भी बनता है कि यदि हमने किसी को जमीन ऑक्शन में दी है, तो उस पर अतिक्रमण या अवैध कब्जा न हो। समय पर काम चालू होगा तो हमारा भी रेवेन्यू बढे़गा और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
राज्य में एम-सैंड नीति लागू करने के साथ ही हम सभी का दायित्व बनता है कि हम अधिक से अधिक लोगों को इसके प्रति जागरूक करें और एम-सैंड को बजरी के विकल्प के रूप में जन-जन तक पहुंचाए। उन्होंने खनन प्रभावित क्षेत्रों में आमजन की सुविधा का विशेष ध्यान रखने एवं राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली हर संभव सहायता व सुविधा प्रभावित लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
उन्होंने पत्रावलियों का निस्तारण समय पर करने, प्रयोगशाला में लंबित नमूनों की जांच के कार्य की गति बढ़ाने, मशीनों की गति कम है तो आउट सोर्स से काम कराने, राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के तहत नवाचार और आधुनिक तकनीक अपनाने के निर्देश दिए। प्रयोगशाला तथा ड्रिलींग विंग के कार्यों की भी जानकारी ली और निर्देश प्रदान किए।
खान निदेशालय का किया निरीक्षण
बैठक में पूर्व डॉ. अग्रवाल ने खान निदेशालय का भी निरीक्षण किया और वहां संचालित विभिन गतिविधियों एवं कार्यकलापों की जानकारी ली। उन्होंने वहां संधारित रिकॉर्ड का भी जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने प्रयोगशाला का भी अवलोकन किया और विभाग द्वारा किये जा रहे नवाचारों की सराहना की।
किया पौधारोपण
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिप डॉ. अग्रवाल ने निदेशालय परिसर में पौधारोपण भी किया और पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित किया।
बैठक में खान एवं भू विज्ञान निदेशक डॉ.के.बी.पंड्या, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) हर्ष सावन सूखा, वित्तीय सलाहकार गिरीश कच्छारा, अतिरिक्त निदेशक (खान मुख्यालय) महेश माथुर, अतिरिक्त निदेशक खान (सतर्कता) एन.के.कोठारी, अतिरिक्त निदेशक खान (पर्यावरण एवं विकास) पी आर आमेटा, अधीक्षण खनि अभियंता एन के बैरवा सहित संभाग के अन्य अधिकारी एवं अभियंतामण मौजूद रहे।
सिंदेसर खुर्द खान का भी किया निरीक्षण
उदयपुर यात्रा के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अग्रवाल ने उदयपुर संभाग के राजसमंद जिले के रेलमगरा तहसील स्थित सिंदेसर खुर्द माइंस का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां खनन गतिविधियां देखी एवं अन्य कार्यों का निरीक्षण करते हुए तकनीकी पहलुओं और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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