हस्तीमल हिरण की देह भी राष्ट्र को समर्पित

उदयपुर। ‘तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूं मातृभू तुझको अभी कुछ और भी दूं….’ इन पंक्तियों के मर्म को चरितार्थ करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के निमंत्रित सदस्य ज्येष्ठ प्रचारक हस्तीमल हिरण के मकर संक्रांति पर शनिवार सुबह उदयपुर में निधन उपरांत सायंकाल गोधूलि वेला में उनकी देह राष्ट्रसेवा को समर्पित कर दी गई। 77 वर्षीय हिरण पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका मुख्यालय उदयपुर था। उन्होंने उदयपुर स्थित संघ कार्यालय केशव निकुंज में अंतिम श्वांस ली।
दिवंगत हिरण ने अपने 75वें जन्मदिवस पर नेत्र व देहदान का संकल्प लिया था। उनके नेत्र निधनोपरांत शनिवार सुबह चिकित्सकों ने प्राप्त किए। शाम को रवीन्द्र नाथ टैगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में उनकी पार्थिव देह शोधकार्य के लिए एनाटॉमी विभाग को समर्पित की गई। पार्थिव देह समर्पण के समय दिवंगत राष्ट्रसेवी की बड़ी बहन सोहनदेवी सांखला, भतीजे कन्हैयालाल हिरण, सुरेश हिरण, विनोद हिरण, भानजे ललित सांखला, भानजी अनिता सांखला ने उन्हें सजल नेत्रों से अंतिम नमन किया। एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. परवीन ओझा, सीनियर प्रोफेसर डॉ. सीमा प्रकाश, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्वेता अस्थाना, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरभ जैन व डॉ. सुनील शर्मा ने देहदान की प्रक्रिया पूरी की।

इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. बीपी शर्मा ने बड़ी संख्या में उपस्थित संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्येष्ठ प्रचारक हस्तीमल हिरण ने अपना पूरा जीवन राष्ट्रेसवा में समर्पित किया और मरणोपरांत अपनी देह को भी शोधकार्य के लिए समर्पित करने को संकल्पित हुए। वे आदर्श संगठक थे और सभी स्वयंसेवकों के लिए प्रेरणापुंज रहेंगे। सभी ने 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • नीचे कमेंट बॉक्स में आप भी अपने विचार या संस्मरण शेयर कर सकते है

इससे पूर्व, दिवंगत ज्येष्ठ प्रचारक के अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह शिवाजी नगर स्थित संघ कार्यालय में रखी गई। शाम 5 बजे तक बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों सहित समाजजनों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। शाम 5 बजे उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। रामधुन का वादन करते बैंड के साथ सूरजपोल, देहलीगेट होते हुए यात्रा रवीन्द्र नाथ टैगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय पहुंची जहां उनकी देह को समर्पित किया गया।

इस दौरान स्वयंसेवक ‘तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें न रहें’ का उद्घोष करते रहे। कई स्वयंसेवक नंगे पैर चले। उनकी अंतिम यात्रा में संघ के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा में राजस्थान क्षेत्र प्रचारक श्री निम्बाराम , प्रांन्त प्रचारक विजयानन्द, सह प्रांन्त प्रचारक मुरलीधर, प्रांन्त संघ चालक जगदीश राणा, प्रांन्त कार्यवाह डॉ शंकर लाल सह प्रांन्त कार्यवाह दीपक शुक्ल वरिष्ठ प्रचारक मूलचन्द सोनी उमा शंकर, श्रीकांत , सुदामा आदि उपस्थित रहे।

Related Posts

पिम्स हॉस्पिटल उदयपुर में मरीज के पेट की नस की सफल एंजियोप्लास्टी

उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पिम्स हॉस्पिटल, उमरड़ा के कॉर्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में चिकित्सकों ने एक मरीज के पेट की नस की सफल एंजियोप्लास्टी की है।चैयरमेन आशीष अग्रवाल ने बताया कि…

भारतीय नववर्ष पर उदयपुर में उमंग, उल्लास और राष्ट्रप्रेम की त्रिवेणी का संगम 

उदयपुर। भारतीय नववर्ष संवत 2082 के शुभारंभ पर रविवार को उदयपुर में उमंग, उल्लास और राष्ट्रप्रेम का अद्भुत संगम देखने को मिला। भारतीय समाजोत्सव समिति के तत्वावधान में निकाली गई…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

पिम्स हॉस्पिटल उदयपुर में मरीज के पेट की नस की सफल एंजियोप्लास्टी

  • May 30, 2025
  • 4 views
पिम्स हॉस्पिटल उदयपुर में मरीज के पेट की नस की सफल एंजियोप्लास्टी

प्लूटो हॉस्पिटल ने हिम्मतनगर का पहला AI-आधारित रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सिस्टम मिसो  लॉन्च किया

  • May 30, 2025
  • 6 views
प्लूटो हॉस्पिटल ने हिम्मतनगर का पहला AI-आधारित रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सिस्टम मिसो  लॉन्च किया

दादी को डराने के लिए पोती ने अपने अपहरण की झूठी कहानी रची

  • May 16, 2025
  • 13 views
दादी को डराने के लिए पोती ने अपने अपहरण की झूठी कहानी रची

उदयपुर में चंडालिया के मरणोपरांत देहदान संकल्प को परिजनों ने पूर्ण किया

  • April 14, 2025
  • 38 views
उदयपुर में चंडालिया के मरणोपरांत देहदान संकल्प को परिजनों ने पूर्ण किया