परिवारजन में संवादहीनता के कारण दूरिया बढ़ी : सोम त्यागी

उदयपुर। हम मेसे प्रत्येक व्यक्ति जीवन में सुख शांति की तलाश में है और इसे पाने के लिए हमने बडी कड़ी मेहनत भी की है पर कई बार ऐसा लगता है कि इतनी मेहनत के बाद भी हमें अपनी आने वाली पीढी को कुछ सार्थक दे पाने की स्थिति में नहीं है। हमारे जीने की चाहत और जीवन के वास्तविक स्वरूप में अभी भी दूरी बनी हुई है इस दूरी की यात्रा तय करने में जिंदगी की वास्तविक शिक्षा जरूरी है। वर्तमान में व्यक्ति चांद पर तो पहुंच गया है लेकिन अपने परिवारजन से दूर होता जा रहा है।
उक्त विचार सोमवार को उदयपुर के जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक स्कूल ऑॅफ एग्रीकल्चर साईंसेंस के सभागार में जीवन के शोध कार्य पर आधारित खुशहाली कार्यशाला में विख्यात प्रंबोधक जीवन विद्या संस्थान के सोम त्यागी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में व्यक्ति के मध्यम संस्कार, राजनीति व बाजार की भेंट चढ गया है, जिसके कारण युवा पीढी का गांवों से पलायन होना शुरू हो गया है और परिवारों के मध्य दूरिया बढ गई। पैसो से विकास नहीं हो सकता इसके लिए आम जन में संस्कार डालने की जरूरत है। उन्होने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी देश का एक भी गांव आत्म निर्भर नहीं बन पाया है। आदमी के विचार सोफ्टवेयर है और शरीर उसका हार्डवेयर, यदि हार्डवेयर सही नहीं रहेगा तो सोफ्टवेयर काम करना बंद कर देगा। इसी तरह जिंदा रहना व जीना , दोनो अलग अलग चीजे है। जिंदा रहना अधिनता है और जीना स्वतंत्रता है। आज के मोबाईल युग में परिवारजनों के बीच संवाद बंद हो गया है जिसके कारण आज परिवारों के बीच दूरिया बढी है और कई परिवार इससे टूट गये है, इस स्थिति से आप और हम ही को मिलकर इस समस्या से निजात पाना होगा।


अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि आज की युवा पीढी अपनी शिक्षा ग्रहण करने के बाद वह चाहता है कि वह एक अच्छा डाक्टर, वकील, शिक्षक, वैज्ञानिक व अन्य उच्च पदों पर आसीन हो, लेकिन इसके लिए सकारात्मक शोध जरूरी है और अपने आप को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढेगे तो सफलता अवश्य ही मिलेगी। वर्तमान में युवा पीढी में मानवीय मूल्य व राष्ट्र के प्रति स्वाभिमान के साथ साथ भारतीय सभ्यता, संस्कार व संस्कृति देने की जरूरत है। इस अवसर पर भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बाल मुकुंद पाण्डे्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशला में विद्यापीठ के डीन डायरेक्टर व शहर के गणमान्य नागरिक व विधार्थी उपस्थित थे।

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