उदयपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं विद्वान गोविंद डोटासरा ने महाराणा प्रताप पर कुछ टिप्पणी की क्योंकि वह शिक्षा के विद्वान हैं वे उनसे इतना ही जानना चाहते हैं कि सत्ता प्राप्त करने के लिए प्रताप ने युद्ध किया यदि उन्होंने कोई युद्ध किया तो स्वाभिमान व स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी इतिहास। यदि गोविंद डोटासरा ने नहीं पढ़ा हो तो पढ़ ले जो आततायी आया था वह घूमने नहीं आया था वह यहां की जनता को पराधीन करने आया था। मेवाड़ ने कभी पराधीनता स्वीकार नहीं की इसलिए जंगल-जंगल भटक कर सेना का संचालन कर मेवाड़ के स्वाधीनता की लड़ाई लड़ते रहे और स्वाधीनता प्राप्त की ।श्री कटारिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का बेड़ा गर्क इसीलिए हुआ है कि उन्होंने हमारे बच्चों को अकबर महान पढ़ाया। उन्हें प्रताप को महान कहने में शर्म आती थी ।इस कारण कांग्रेस पार्टी के तुष्टीकरण के चलते उसकी इतनी दुर्गति हुई है कि आज देश में राज करने वाली पार्टी कोने में दुबक कर रह गई है और बची खुची यदि समाप्त करना चाहते हो तो ऐसी टिप्पणियां करते रहो। उन्होंने कहा कि प्रताप ने कोई दिल्ली जाकर युद्ध नहीं किया अपितु मेवाड़ की स्वाधीनता, मूल्य,धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए किन कष्टों में युद्ध किया। यह दुनिया में पहला व्यक्ति है जिसने संघर्ष और कष्टों को स्वीकार तो किया महलों को छोड़कर संघर्ष किया, सत्ता प्राप्ति को कभी मन पर नहीं लाए, राज की लालसा कभी कि नहीं ।अगर यदि इतिहास नहीं पढ़ा हो तो एक बार पुनः पढ़ ले।भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रविंद्र श्रीमाली ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा प्रताप और अकबर की सत्ता संघर्ष को जिस प्रकार से विवादित बयान दिया और महाराणा प्रताप की युद्ध को सत्ता के लिए संघर्ष बताया उसकी गॉड निंदा करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप ने सदैव स्वाधीनता और स्वाभिमान की लड़ाई को लड़ा है वह राष्ट्रवाद की लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस सदैव अकबर को महान बताती आई है और यही उन्होंने देश की भावी पीढ़ी को पढ़ाया अतः हमें समझ में आ सकता है कि गोविंद डोटासरा जैसा व्यक्ति तुष्टीकरण की नीति के चलते इस प्रकार के बयान दे सकते हैं।भारतीय जनता पार्टी आने वाले समय में गोविंद डोटासरा का विरोध करेगी और सड़क से लेकर विधानसभा तक महाराणा प्रताप के गौरव को बनाए रखने के लिए ऐसे निम्न स्तर के वक्तव्य देने वाले नेताओं का विरोध करती रहेगी डोटासरा का यह बयान राणा प्रताप की कीर्ति के खिलाफ दिया गया बयान है

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