विविध

दुर्घटना शिकार 111  दिव्यांगों को लगे कृत्रिम हाथ-पैर

दुर्घटना शिकार 111  दिव्यांगों को लगे कृत्रिम हाथ-पैर

उदयपुर। हादसों के शिकार हुए अंगविहीन बंधुओं की जिंदगी बड़ी दुःखभरी होती है। एक कदम भी चलना परवश होता है। दर्द के मारे मायूसी भरा जीवन काटना असंभव-सा होता है। ऐसे में किसी दिव्यांग को कृत्रिम हाथ-पैर लग जाए तो उसकी खुशी देखने लायक होती है। मौका था नारायण सेवा संस्थान उदयपुर एवं अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर में आयोजित निःशुल्क कृत्रिम अंग ,कैलिपर्स व सहायक उपकरण वितरण तथा ऑपरेशन चयन शिविर का जिसमें एक नहीं 111 दुर्घटना शिकार दिव्यांगों को नई -जिंदगी मिली। शिविर समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ आईएएस राजेन्द्र विजय,आईपीएस राजकुमार गुप्ता,वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष एन के गुप्ता, कार्यकारी अध्यक्ष ध्रुवदास अग्रवाल, महामंत्री गोपाल गुप्ता, संभागीय अध्यक्ष एवं शिविर संयोजक मनोहर लाल गुप्ता, प्रदेश महिला अध्यक्ष संगीता गर्ग एवं प्रदेश युवा अध्यक्ष योगी मनीष विजयवर्गीय ने दीप प्रज्वलन किया और दिव्यांग बंधुओं को कृत्रिम अंगों का उपहार मिलने से सुगम – खुशमय हुई जिंदगी के अनुभव जाने। इससे पूर्व नारायण सेवा संस्थान के प्रवक्ता एवं पी.आर.ओ. भगवान प्रसाद गौड़ और हरि प्रसाद लड्डा ने अतिथियों का स्वागत किया और कृत्रिम अंगों से लाभान्वित जनों को फुटबॉल व बैडमिंटन खेलने की प्रेरणा दी। वैश्य सम्मेलन के गोपाल गुप्ता और एन के गुप्ता ने संस्थान द्वारा 8 जनवरी को हुए शिविर का प्रतिवेदन पेश किया और संस्थान के सेवा प्रकल्पों की सराहना की।  कार्यकारी अध्यक्ष ध्रुवदास ने बताया कि इस शिविर में 17 कृत्रिम हाथ 83 पैर तथा 11 कैलिपर्स दिव्यांग लोगों को लगाए  गए । वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक जेडी चंदेल के सहयोग से जयपुर के 6 दिव्यांगों को ट्राई साइकिल वितरित की गई। समारोह की अध्यक्षता आईपीएस राजकुमार गुप्ता  ने की। मुख्य अतिथि राजेंद्र विजय ने  कहा दिव्यांगजन के क्षेत्र में नारायण सेवा की बेहतरीन सेवाओं के लिये  संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल बधाई के पात्र हैं। संस्थान ऑर्थोटिस्ट एन्ड प्रोस्थेटिक डॉक्टर मानस रंजन साहू ने कहा संस्थान हर रोज 60-70 अंगविहीन लोगों को आर्टिफिशियल लिम्ब प्रदान करता है, जोकि तकनीकी व गुणवत्ता दृष्टि से उत्तम और वजन में हल्का होने से दिव्यांगों के लिए मददगार साबित हो रहा है। सभी रोगियों को लिंब पहनकर चलने की ट्रेनिंग भी दी गई।  संचालन महिम जैन ने किया।

About Author

Amolak News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *